भारतीय इतिहास का सबसे खौफनाक पार्ट अंग्रेजों द्वारा भारत पर राज करना था. करीब 200 सालों तक ब्रिटिश सरकार ने भारत को गुलाम बनाकर रखा लेकिन हमारे कुछ वीर योद्धाओं ने देश को आजाद करवाया. उनमें से एक राम प्रसाद बिस्मिल थे, और Ram Prasad Bismil slogan क्या था इसके बारे में आपको पता होना चाहिए. राम प्रसाद बिस्मिल एक क्रांतिकारी थे, उन्होंने ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ दिया था.
राम प्रसाद बिस्मिल ने कौन सा नारा दिया? | Ram Prasad Bismil slogan
काकोरी कांड के महानायक शहीद राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून, 1897 को हुआ था. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था और 19 दिसंबर, 1927 को उन्हें मैनपुरी षडयंत्र के आरोप में यूपी के गोरखपुर जेल में फांसी हुई थी. राम प्रसाद बिस्मिल ने ही देश को ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ जैसा जोश से भरा नारा दिया. इस नारे के आधार पर आगे चलकर कई देशभक्ती फिल्मों में गाने बने. Ram Prasad Bismil slogan देशभर में फेमस हुआ और उनके बलिदान के किस्से बच्चों को उनके विषयों में पढ़ाए गए.
राम प्रसाद बिस्मिल को कैसे हुई फांसी?
19 साल की उम्र में राम प्रसाद बिस्मिल क्रांतिकारी आंदोलन में कूद पड़े. देशक्ति की तमन्ना उनके अंदर बचपन से थी, वह ना सिर्फ क्रांतिकारी थे बल्कि कविता, शायरी और साहित्य भी लिखा करते थे. गोरखपुर की जेल में उन्हें सजा दी गई थी और 19 दिसंबर, 1927 को फांसी दी गई, ऐसा बताया जाता है कि राम प्रसाद बिस्मिल ने फांसी पर झूलते हुए चेहरे पर शिकन नहीं आने दी, वे हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए. इसलिए देश आज भी उनके इस त्याग को नमन करता है.
यह भी पढ़ें- Sushant Singh Rajput थे अपनी मां और बहनों के लाडले, देखें अनदेखी तस्वीरें
भारतीय इतिहास का सबसे खौफनाक पार्ट अंग्रेजों द्वारा भारत पर राज करना था. करीब 200 सालों तक ब्रिटिश सरकार ने भारत को गुलाम बनाकर रखा लेकिन हमारे कुछ वीर योद्धाओं ने देश को आजाद करवाया. उनमें से एक राम प्रसाद बिस्मिल थे, और Ram Prasad Bismil slogan क्या था इसके बारे में आपको पता होना चाहिए. राम प्रसाद बिस्मिल एक क्रांतिकारी थे, उन्होंने ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ दिया था.
राम प्रसाद बिस्मिल ने कौन सा नारा दिया? | Ram Prasad Bismil slogan
काकोरी कांड के महानायक शहीद राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून, 1897 को हुआ था. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था और 19 दिसंबर, 1927 को उन्हें मैनपुरी षडयंत्र के आरोप में यूपी के गोरखपुर जेल में फांसी हुई थी. राम प्रसाद बिस्मिल ने ही देश को ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ जैसा जोश से भरा नारा दिया. इस नारे के आधार पर आगे चलकर कई देशभक्ती फिल्मों में गाने बने. Ram Prasad Bismil slogan देशभर में फेमस हुआ और उनके बलिदान के किस्से बच्चों को उनके विषयों में पढ़ाए गए.
राम प्रसाद बिस्मिल को कैसे हुई फांसी?
19 साल की उम्र में राम प्रसाद बिस्मिल क्रांतिकारी आंदोलन में कूद पड़े. देशक्ति की तमन्ना उनके अंदर बचपन से थी, वह ना सिर्फ क्रांतिकारी थे बल्कि कविता, शायरी और साहित्य भी लिखा करते थे. गोरखपुर की जेल में उन्हें सजा दी गई थी और 19 दिसंबर, 1927 को फांसी दी गई, ऐसा बताया जाता है कि राम प्रसाद बिस्मिल ने फांसी पर झूलते हुए चेहरे पर शिकन नहीं आने दी, वे हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए. इसलिए देश आज भी उनके इस त्याग को नमन करता है.
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