14 जून को बॉलीवुड से हैरान करने वाली खबर आई थी, वो खबर पॉपुलर एक्टर Sushant Singh Rajput के सुसाइड की खबर थी। इस खबर ने ना सिर्फ सुशांत के फैंस को झकझोर दिया बल्कि उनका परिवार भी टूट गया। हालांकि उनका परिवार नहीं मानता कि उनका बेटा सुसाइड कर सकता है और इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है। मगर सवाल ये है कि अगर सुशांत या किसी ने भी आत्महत्या के बारे में सोचा है तो क्यों, आखिर लोग Kyu Karte hain Suicide? इसके पीछे उनके मन में बहुत सी बातें चलती हैं लेकिन क्या?
सबसे बड़ा सवाल लोग Kyu Karte hain Suicide?
2020 की शुरुआत बहुत ही खराब हुई, ये बात सभी जानते हैं। कोरोनावायरस ने हर किसी का काम-धंधा, नौकरी और बहुत कुछ बंद कर दिया। ऐसे में बहुत से लोगों में नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हुईं जिसमें डिप्रेशन जैसी चीजें ज्यादा देखने को मिली, लेकिन सबसे ज्यादा खबरें आत्महत्या की आईं। आत्महत्या की खबर सुनने पर समाज में लोग कहते हैं अपनी ही गलती से किया होगा लेकिन कोई ये नहीं समझता कि मरने के पहले उस इंसान के अंदर कितनी कशमकश चल रही होती है। कोई भी मरना नहीं चाहता तो फिर उसके अंदर क्या ऐसा क्या चलता है जो वो जिंदगी की बजाय मौत को चुन लेता है? आत्महत्या करने की वजह क्या होती है और लोग Kyu Karte hain Suicide इसके पीछे इन तथ्यों के जरिए सुसाइड करने की वजह हमें समझनी चाहिए..
Kyu Karte hain Suicide
- आत्महत्या का ख्याल इंसान के मन में एकदम से नहीं आता, और ना ही वो ऐसा करना चाहता है लेकिन जब हर तरफ से उस इंसान को निराशा और हार मिलती है तो उसे मरना ही आसान लगता है।
- जब सुसाइड करने वाले इंसान की उम्मीद किसी ने बुरी तरह से तोड़ी हो और हर कोई उसे ही गलत समझ रहा हो। ऐसी स्थिति में उसका मन पूरी तरह से टूट जाता है और वो खुद को सबसे दूर मौत के हवाले करने में यकीन कर लेता है।
- कई बार आत्महत्या करने वाले इंसान को लगने लगता है कि वो जिंदगी और हालातों से पैदा हुए चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। इन हालातों से घबराकर लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं।
- आत्महत्या करने वाला इंसान बहुत समय से ऐसा करने के बारे में सोचता है। उसके अंदर बहुत सी उथल-पुथल चल रही होती हैं, जैसे उसके बाद परिवार का क्या होगा, लोग क्या कहेंगे या ऐसा करना सही होगा या नहीं, मगर इन ख्यालों में उसका संकल्प जीत जाता है। बहुत असमंजस स्थितियों से जूझते हुए लोग मौत को गले लगा लेते हैं।
- जब कोई इंसान किसी को सच्चा प्यार करता है और उसके साथ बहुत से हसीन सपने जीकर आगे की बहुत सी योजना बना लेता है। मगर अचानक उसे पता चलता है कि जिसे वो जिंदगी मान रहा है वो तो उसे धोखा दे रहा/रही तो ऐसी स्थिति में उसका विश्वास दुनिया के हर इंसान से खत्म हो जाता है और टूटा हुआ इंसान अपनी जिंदगी खत्म कर लेता है।
- कई बार समाज में लोगों के व्यंगों का सामना नहीं कर पाने या बिजनेस/ नौकरी में हारकर भी लोग मौत का रास्ता चुन लेते हैं। हालांकि उन हालातों से वो जूझता है लेकिन अंत में हारकर खुद को मुक्ति देना सही समझता है।
आत्महत्या करने वाले के लक्षण | Warning Signs Of Suicide
Kyu Karte hain Suicide इसके पीछे का कारण तो आपको पता चल गया लेकिन आप कैसे पहचानेंगे कि सामने वाला इंसान सुसाइड करना चाहता है? सुसाइड के रास्ते पर चलने वालों में डिप्रेशन का खतरा सबसे तेज होता है। जो इस बीमारी से जूझ रहे होते हैं वे ऐसा करने के बारे में बार-बार सोचते हैं। इसके अलावा साइकैट्रिक डिसऑर्डर के शिकार, नशीले पदार्थों के एडिक्ट, लंबी बीमारी या असहनीय दर्द सह रहे लोग, आत्महत्या के पारिवारिक इतिहास और पहले सुसाइड की कोशिश कर चुके लोग ऐसे कदम उठाते हैं।नाबालिगों या किशोरावस्था में की जाने वाली आत्महत्या के लिए उतावलापन या भावुकता से भरपूर भावनाएं जिम्मेदार होती हैं। इसके अलावा इन लक्षणों से भी पहचाना जा सकता है कि सामने वाला सुसाइड करना चाहता है..
1. जब इंसान को अचानक वो बात पता चले जिसकी उसे उम्मीद ही नहीं रहे तो ऐसे इंसान को अकेला छोड़ना खतरे का संकेत हो सकता है। उसके मन में कभी भी सुसाइड करने का ख्याल आ सकता है। 2. आत्महत्या करने वाले ज्यादातर लोग दूसरों पर बोझ बन जाने या फिर जिंदगी जीने के मकसद या उद्देश्य के बारे में बात करना शुरु कर देते हैं। कई बार वो खुद को इस उलझन से बाहर ना निकाल पाने की बात कहते हैं, ऐसे में स्वाभाविक तौर पर उनके मन में मरने का ख्याल आता ही है। 3. आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है क्योंकि पुरुष अपने आत्मसम्मान को सर्वोपरी मानते हैं और अगर उन्हें किसी महिला ने धोखा दिया तो इसे अपना अपमान मानकर जिंदगी खत्म करने के बारे में हर दूसरे दिन सोचने लगते हैं। 4. डिप्रेशन से जूझने वाला इंसान अकेला रहता है और उसे बात-बात पर गुस्सा आता है। इसके साथ ही वो खुद को बाकी लोगों से अलग बताने लगता है और मरने की हजार वजह भी गिनाने लगता है। ऐसे में उसके मन में सिर्फ सुसाइड की बात ही आती है।
आत्महत्या करने की इच्छा रखने वालों से करें बात | Talk to Suicidal Person
Kyu Karte hain Suicide
इंसान के मन में आत्महत्या करने का ख्याल काफी दिनों से चल रहा होता है। वो खुद को समझाता है कि हालातों से लड़ना है मरना हल नहीं है और हर दिन वो इस तरह खुद से ही लड़ता है। खुद को संभालने की कोशिश करता है लेकिन उसके आस-पास ऐसी चीजें होने लगती हैं जो उसे चैन से सांस नहीं लेने देती फिर भी वो खुद से ना मरने की बात करता है। मगर जब हालात उसके बस में नहीं होते और वो खुद से हार जाता है तब उसके मन में 99% सुसाइड करने का ख्याल आ जाता है। ऐसे में अगर उसके बाद 1% की उम्मीद बनकर आ जाए और उसे ऐसा करने से रोक ले तो वो कभी नहीं मरता। वो अपनी जिंदगी को एक मौका देता है लेकिन अगर कोई उसके पास नहीं आता तो आत्महत्या कर लेता है। ऐसे में आपको इन तथ्यों के आधार पर उसे आत्महत्या करने से रोक सकते हैं..
1. अगर आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त या मिलने वाला किसी बात से परेशान है तो उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उससे फोन, मैसेज या मिलकर बातें करते रहें और उसे उसकी परेशानी से बाहर निकालने की तरकीब बनाएं। 2. अगर आपका बेटा, बेटी या दोस्त को कोई बात परेशान कर रही है और वो जिंदगी से निराश होकर डिप्रेशन में चला गया है तो उसकी मदद करें। उसे बताएं वो कितना खास है अपनों के लिए जो उसे देखकर ही जीते हैं। 3. डिप्रेशन वाला इंसान अगर खुद को अकेला-अकेला रखने लगता है तो समय-समय पर उसे गले लगाकर ये बताएं कि वो अकेला नहीं है। उसकी हर परेशानी का हल या सही सुझाव देने के लिए आप उसके साथ हमेशा हैं। 4. आत्महत्या की बात बार-बार करने वाले से सहजता से बात करें और उससे उसकी परेशानी पूछें। उसे बताएं कि दुनिया में हर परेशानी का हल है बस धैर्य के साथ उसे सोचना और समझना होगा। मरना हर समस्या का हल नहीं होता है। 5. अगर आत्महत्या का ख्याल आपको आता है तो आप मेडीटेशन, योग करें या खुद को भक्ति में डुबाकर ईश्वर से उस परेशानी का हल मांगिए। आत्महत्या करने से आप एक अपराध के भागीदार बन सकते हैं।
भारत में सुसाइड केस | Suicide Case in India
Kyu Karte hain Suicide
साल 2016 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में आत्महत्याओं के आंकड़ों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। साल भर में आत्महत्या के मामले बढ़कर 2,30,314 तक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा, भारत में 15-29 साल और 15-39 साल की उम्र वालों में आत्महत्या का केस ज्यादा पाया गया। हर साल पूरी दुनिया में 8 लाख लोगों की मौत आत्महत्या के कारण हो जाती है। इनमें से 1,35,000 लोग भारतीय हैं। भारत में साल 1987 से 2007 के बीच आत्महत्या की दर में भारी मात्रा बढी है, जबकि पहले ये दर 7.9 प्रति 1 लाख थी, अब 10.3 प्रति 1 लाख है।
भारत में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में होती हैं। साल 2012 में तमिलनाडु से पूरे भारत में की गई आत्महत्याओं में से सबसे ज्यादा 12.5% फीसदी केस हुए थे। इसके बाद महाराष्ट्र (11.9%) और पश्चिम बंगाल (11.0%) में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं हुईं। इसके अलावा केरल भी आत्महत्या के मामलों में पीछे नहीं है और यहां आत्महत्या के मामलों में महिला पुरुष का अनुपात 2:1 का है।
WHO के डेटा के अनुसार, भारत में महिला और पुरुषों की आत्महत्या दर काफी बढ़ा है। भारत में प्रति 1 लाख महिलाओं में 16.4 महिलाएं आत्महत्या करती हैं जबकि 1 लाख पुरुषों में से 25.8 आत्महत्या करते हैं।
यह भी पढ़ें- Sushant Singh Rajput के बाद इस एक्टर ने की आत्महत्या, इस एक्टर ने कही ये बात
14 जून को बॉलीवुड से हैरान करने वाली खबर आई थी, वो खबर पॉपुलर एक्टर Sushant Singh Rajput के सुसाइड की खबर थी। इस खबर ने ना सिर्फ सुशांत के फैंस को झकझोर दिया बल्कि उनका परिवार भी टूट गया। हालांकि उनका परिवार नहीं मानता कि उनका बेटा सुसाइड कर सकता है और इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है। मगर सवाल ये है कि अगर सुशांत या किसी ने भी आत्महत्या के बारे में सोचा है तो क्यों, आखिर लोग Kyu Karte hain Suicide? इसके पीछे उनके मन में बहुत सी बातें चलती हैं लेकिन क्या?
सबसे बड़ा सवाल लोग Kyu Karte hain Suicide?
2020 की शुरुआत बहुत ही खराब हुई, ये बात सभी जानते हैं। कोरोनावायरस ने हर किसी का काम-धंधा, नौकरी और बहुत कुछ बंद कर दिया। ऐसे में बहुत से लोगों में नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हुईं जिसमें डिप्रेशन जैसी चीजें ज्यादा देखने को मिली, लेकिन सबसे ज्यादा खबरें आत्महत्या की आईं। आत्महत्या की खबर सुनने पर समाज में लोग कहते हैं अपनी ही गलती से किया होगा लेकिन कोई ये नहीं समझता कि मरने के पहले उस इंसान के अंदर कितनी कशमकश चल रही होती है। कोई भी मरना नहीं चाहता तो फिर उसके अंदर क्या ऐसा क्या चलता है जो वो जिंदगी की बजाय मौत को चुन लेता है? आत्महत्या करने की वजह क्या होती है और लोग Kyu Karte hain Suicide इसके पीछे इन तथ्यों के जरिए सुसाइड करने की वजह हमें समझनी चाहिए..
Kyu Karte hain Suicide
- आत्महत्या का ख्याल इंसान के मन में एकदम से नहीं आता, और ना ही वो ऐसा करना चाहता है लेकिन जब हर तरफ से उस इंसान को निराशा और हार मिलती है तो उसे मरना ही आसान लगता है।
- जब सुसाइड करने वाले इंसान की उम्मीद किसी ने बुरी तरह से तोड़ी हो और हर कोई उसे ही गलत समझ रहा हो। ऐसी स्थिति में उसका मन पूरी तरह से टूट जाता है और वो खुद को सबसे दूर मौत के हवाले करने में यकीन कर लेता है।
- कई बार आत्महत्या करने वाले इंसान को लगने लगता है कि वो जिंदगी और हालातों से पैदा हुए चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। इन हालातों से घबराकर लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं।
- आत्महत्या करने वाला इंसान बहुत समय से ऐसा करने के बारे में सोचता है। उसके अंदर बहुत सी उथल-पुथल चल रही होती हैं, जैसे उसके बाद परिवार का क्या होगा, लोग क्या कहेंगे या ऐसा करना सही होगा या नहीं, मगर इन ख्यालों में उसका संकल्प जीत जाता है। बहुत असमंजस स्थितियों से जूझते हुए लोग मौत को गले लगा लेते हैं।
- जब कोई इंसान किसी को सच्चा प्यार करता है और उसके साथ बहुत से हसीन सपने जीकर आगे की बहुत सी योजना बना लेता है। मगर अचानक उसे पता चलता है कि जिसे वो जिंदगी मान रहा है वो तो उसे धोखा दे रहा/रही तो ऐसी स्थिति में उसका विश्वास दुनिया के हर इंसान से खत्म हो जाता है और टूटा हुआ इंसान अपनी जिंदगी खत्म कर लेता है।
- कई बार समाज में लोगों के व्यंगों का सामना नहीं कर पाने या बिजनेस/ नौकरी में हारकर भी लोग मौत का रास्ता चुन लेते हैं। हालांकि उन हालातों से वो जूझता है लेकिन अंत में हारकर खुद को मुक्ति देना सही समझता है।
आत्महत्या करने वाले के लक्षण | Warning Signs Of Suicide
Kyu Karte hain Suicide इसके पीछे का कारण तो आपको पता चल गया लेकिन आप कैसे पहचानेंगे कि सामने वाला इंसान सुसाइड करना चाहता है? सुसाइड के रास्ते पर चलने वालों में डिप्रेशन का खतरा सबसे तेज होता है। जो इस बीमारी से जूझ रहे होते हैं वे ऐसा करने के बारे में बार-बार सोचते हैं। इसके अलावा साइकैट्रिक डिसऑर्डर के शिकार, नशीले पदार्थों के एडिक्ट, लंबी बीमारी या असहनीय दर्द सह रहे लोग, आत्महत्या के पारिवारिक इतिहास और पहले सुसाइड की कोशिश कर चुके लोग ऐसे कदम उठाते हैं।नाबालिगों या किशोरावस्था में की जाने वाली आत्महत्या के लिए उतावलापन या भावुकता से भरपूर भावनाएं जिम्मेदार होती हैं। इसके अलावा इन लक्षणों से भी पहचाना जा सकता है कि सामने वाला सुसाइड करना चाहता है..
1. जब इंसान को अचानक वो बात पता चले जिसकी उसे उम्मीद ही नहीं रहे तो ऐसे इंसान को अकेला छोड़ना खतरे का संकेत हो सकता है। उसके मन में कभी भी सुसाइड करने का ख्याल आ सकता है। 2. आत्महत्या करने वाले ज्यादातर लोग दूसरों पर बोझ बन जाने या फिर जिंदगी जीने के मकसद या उद्देश्य के बारे में बात करना शुरु कर देते हैं। कई बार वो खुद को इस उलझन से बाहर ना निकाल पाने की बात कहते हैं, ऐसे में स्वाभाविक तौर पर उनके मन में मरने का ख्याल आता ही है। 3. आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है क्योंकि पुरुष अपने आत्मसम्मान को सर्वोपरी मानते हैं और अगर उन्हें किसी महिला ने धोखा दिया तो इसे अपना अपमान मानकर जिंदगी खत्म करने के बारे में हर दूसरे दिन सोचने लगते हैं। 4. डिप्रेशन से जूझने वाला इंसान अकेला रहता है और उसे बात-बात पर गुस्सा आता है। इसके साथ ही वो खुद को बाकी लोगों से अलग बताने लगता है और मरने की हजार वजह भी गिनाने लगता है। ऐसे में उसके मन में सिर्फ सुसाइड की बात ही आती है।
आत्महत्या करने की इच्छा रखने वालों से करें बात | Talk to Suicidal Person
Kyu Karte hain Suicide
इंसान के मन में आत्महत्या करने का ख्याल काफी दिनों से चल रहा होता है। वो खुद को समझाता है कि हालातों से लड़ना है मरना हल नहीं है और हर दिन वो इस तरह खुद से ही लड़ता है। खुद को संभालने की कोशिश करता है लेकिन उसके आस-पास ऐसी चीजें होने लगती हैं जो उसे चैन से सांस नहीं लेने देती फिर भी वो खुद से ना मरने की बात करता है। मगर जब हालात उसके बस में नहीं होते और वो खुद से हार जाता है तब उसके मन में 99% सुसाइड करने का ख्याल आ जाता है। ऐसे में अगर उसके बाद 1% की उम्मीद बनकर आ जाए और उसे ऐसा करने से रोक ले तो वो कभी नहीं मरता। वो अपनी जिंदगी को एक मौका देता है लेकिन अगर कोई उसके पास नहीं आता तो आत्महत्या कर लेता है। ऐसे में आपको इन तथ्यों के आधार पर उसे आत्महत्या करने से रोक सकते हैं..
1. अगर आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त या मिलने वाला किसी बात से परेशान है तो उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उससे फोन, मैसेज या मिलकर बातें करते रहें और उसे उसकी परेशानी से बाहर निकालने की तरकीब बनाएं। 2. अगर आपका बेटा, बेटी या दोस्त को कोई बात परेशान कर रही है और वो जिंदगी से निराश होकर डिप्रेशन में चला गया है तो उसकी मदद करें। उसे बताएं वो कितना खास है अपनों के लिए जो उसे देखकर ही जीते हैं। 3. डिप्रेशन वाला इंसान अगर खुद को अकेला-अकेला रखने लगता है तो समय-समय पर उसे गले लगाकर ये बताएं कि वो अकेला नहीं है। उसकी हर परेशानी का हल या सही सुझाव देने के लिए आप उसके साथ हमेशा हैं। 4. आत्महत्या की बात बार-बार करने वाले से सहजता से बात करें और उससे उसकी परेशानी पूछें। उसे बताएं कि दुनिया में हर परेशानी का हल है बस धैर्य के साथ उसे सोचना और समझना होगा। मरना हर समस्या का हल नहीं होता है। 5. अगर आत्महत्या का ख्याल आपको आता है तो आप मेडीटेशन, योग करें या खुद को भक्ति में डुबाकर ईश्वर से उस परेशानी का हल मांगिए। आत्महत्या करने से आप एक अपराध के भागीदार बन सकते हैं।
भारत में सुसाइड केस | Suicide Case in India
Kyu Karte hain Suicide
साल 2016 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में आत्महत्याओं के आंकड़ों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। साल भर में आत्महत्या के मामले बढ़कर 2,30,314 तक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा, भारत में 15-29 साल और 15-39 साल की उम्र वालों में आत्महत्या का केस ज्यादा पाया गया। हर साल पूरी दुनिया में 8 लाख लोगों की मौत आत्महत्या के कारण हो जाती है। इनमें से 1,35,000 लोग भारतीय हैं। भारत में साल 1987 से 2007 के बीच आत्महत्या की दर में भारी मात्रा बढी है, जबकि पहले ये दर 7.9 प्रति 1 लाख थी, अब 10.3 प्रति 1 लाख है।
भारत में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में होती हैं। साल 2012 में तमिलनाडु से पूरे भारत में की गई आत्महत्याओं में से सबसे ज्यादा 12.5% फीसदी केस हुए थे। इसके बाद महाराष्ट्र (11.9%) और पश्चिम बंगाल (11.0%) में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं हुईं। इसके अलावा केरल भी आत्महत्या के मामलों में पीछे नहीं है और यहां आत्महत्या के मामलों में महिला पुरुष का अनुपात 2:1 का है।
WHO के डेटा के अनुसार, भारत में महिला और पुरुषों की आत्महत्या दर काफी बढ़ा है। भारत में प्रति 1 लाख महिलाओं में 16.4 महिलाएं आत्महत्या करती हैं जबकि 1 लाख पुरुषों में से 25.8 आत्महत्या करते हैं।
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