Firoz Gandhi Biography in Hindi- भारत के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार में ‘गांधी परिवार’ का नाम भी आता है। आज भले लोग गांधी परिवार का मजाक बनाने लगे हों लेकिन इनकी शुरुआत जब हुई तो एक खास बात रहती थी। इंदिरा गांधी एक दमदार शख्सियत थीं और उनके बेटे राजीव गांधी ने भी लोगों के दिल में खास जगह बनाई थी लेकिन उनके बेटे राहुल गांधी तो आज की तारीख में कोई भी नेता के रूप में पसंद नहीं करता। मगर एक बात ये भी चारो-ओर फैलती रहती कि इंदिरा गांधी ने एक मुस्लिम से शादी की थी लेकिन बाद में उनके पति फिरोज जहांगीर ने अपना सरनेम गांधी कर लिया था। मगर फिरोज़ गांधी (Firoz Gandhi) को गांधी सरनेम उन्हें मिला कैसे, इसके बारे में जानिए..
फिरोज जहांगीर कैसे बने गांधी ? | Firoz Gandhi Biography in Hindi
गांधी परिवार देश की राजनीति में एक अलग और खास पहचान है। देश में सिर्फ गांधी और नेहरू परिवार ही ऐसे थे जिनका देश की राजनीति से शुरु से जुड़ाव रहा है। ऐसे ही गांधी परिवार के एक खास सदस्य फिरोज गांधी के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। 12 सितंबर, 1912 को बॉम्बे में जन्में फिरोज जहांगीर को बाद में लोग Firoz Gandhi के नाम से जानने लगे थे और ये भारतीय राजनीति के एक चर्चित चेहरे थे। इसके अलावा फिरोज लोकसभा सदस्य भी रहे थे और इनकी शादी जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी के साथ हुई थी और इनकी ये शादी लव मैरिज थी। फिरोज गांधी को इंदिरा गांधी से दो बेटे राजीव और संजय गांधी हुए थे। फिरोज गांधी का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था और इनके पिता का नाम जहांगीर और मां का नाम रतिमाई था।
वे मुंबई के खेतवाड़ी मोहल्ले के नौरोजी नाटकवाला भवन में रहा करते थे और इनके पिता जहांगीर किलिक में इंजिनियर थेजो बाद में वॉरंट इंजीनियर के पद पर काम करने लगे। फिरोज अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे और इनके भाई दोराब और फरीदुन जहांगीर और दो बहने तेहमिना करशश और आलू दस्तूर थीं। फिरोज परिवार मूल रूप से दक्षिण गुजरात के भरूच से ताल्लुख रखते थे और उनके पैतृक गृह आज भी कोटपारीवाड़ में स्थित है। फिरोज गांधी की शिक्षा इलाहाबाद में हुई थी और साल 1920 के दशक की शुरुआत में अपने पिता की मृत्यु के बाद फिरोज अपनी मां के साथ इलाहाबाद आ गए जो शहर के लेडी डफरीन अस्पताल में एक सर्जन थीं। इलाहाबाद में फिरोज ने विद्या मंदिर हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी और इसके बाद उन्होंने ईविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की पढाई की।
Indira Gandhi and Firoz Gandhi ने लवमैरिज की थी, और इंदिरा गांधी के पिता नहीं चाहते थे ये शादी होना। इंदिरा गांधी ने अपने पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर ये शादी की थी और दोनों की लवस्टोरी भी खूब चर्चित रही। ऐसा बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात साल 1930 में हुई थी। आजादी की लड़ाई में इंदिरा गांधी की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने बैठी थीं और इसी दौरान बेहोश हो गई। फिरोज उस समय वहीं मौजूद थे और उन्होंने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था और उनकी खूब देखभाल की थी। इसी दौरान वे अक्सर नेहरू आवास में आते-जाते थे और यहीं से इंदिरा गांधी की फिरोज से नजदीकियां बढ़ गईं। साल 1942 में फिरोज गांधी से इंदिरा की शादी हो गई थी और जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे मगर बाद में महात्मा गांधी ने नेहरू को समझाया और बाद में दोनों की शादी इलाहाबाद में अच्छे से हुई।
फिरोज जहांगीर को महात्मा गांधी ने अपना सरनेम दिया और उन्हें गोल दे लिया। इस तरह उन्हें गांधी सरनेम मिल गया और आज भी इनका खानदान इसी सरनेम के साथ चल रहा है। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिरा और फिरोज भी गांधी जी के साथ जेल गए थे। ऐसा बताया जाता है कि शादी के बाद इंदिरा और फिरोज के बीच आए दिन लड़ाइयां होती रहती थीं।
साल 1949 में Firoz Gandhi और इंदिरा गांधी को दो बेटे हुए थे और इनका नाम राजीव-संजय गांधी रखा गया। दोनों बेटे होने के बाद इनको इंदिरा अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं। उस समय संजय लखनऊ में रहे और इंदिरा के पिता के पास चले जाने के बाद फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरु किया और कई बड़े घोटालों में इसे उजागर भी किया था। 8 सिंतबर, 1960 में फिरोज का निधन हो गया और इसका कारण हार्ट अटैक बताया गया था।
यह भी पढ़ें- 9/11 Attack: इस तरह अलकायदा को आया था इमारत से विमान टकराने का आइडिया !
Firoz Gandhi Biography in Hindi- भारत के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार में ‘गांधी परिवार’ का नाम भी आता है। आज भले लोग गांधी परिवार का मजाक बनाने लगे हों लेकिन इनकी शुरुआत जब हुई तो एक खास बात रहती थी। इंदिरा गांधी एक दमदार शख्सियत थीं और उनके बेटे राजीव गांधी ने भी लोगों के दिल में खास जगह बनाई थी लेकिन उनके बेटे राहुल गांधी तो आज की तारीख में कोई भी नेता के रूप में पसंद नहीं करता। मगर एक बात ये भी चारो-ओर फैलती रहती कि इंदिरा गांधी ने एक मुस्लिम से शादी की थी लेकिन बाद में उनके पति फिरोज जहांगीर ने अपना सरनेम गांधी कर लिया था। मगर फिरोज़ गांधी (Firoz Gandhi) को गांधी सरनेम उन्हें मिला कैसे, इसके बारे में जानिए..
फिरोज जहांगीर कैसे बने गांधी ? | Firoz Gandhi Biography in Hindi
गांधी परिवार देश की राजनीति में एक अलग और खास पहचान है। देश में सिर्फ गांधी और नेहरू परिवार ही ऐसे थे जिनका देश की राजनीति से शुरु से जुड़ाव रहा है। ऐसे ही गांधी परिवार के एक खास सदस्य फिरोज गांधी के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। 12 सितंबर, 1912 को बॉम्बे में जन्में फिरोज जहांगीर को बाद में लोग Firoz Gandhi के नाम से जानने लगे थे और ये भारतीय राजनीति के एक चर्चित चेहरे थे। इसके अलावा फिरोज लोकसभा सदस्य भी रहे थे और इनकी शादी जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी के साथ हुई थी और इनकी ये शादी लव मैरिज थी। फिरोज गांधी को इंदिरा गांधी से दो बेटे राजीव और संजय गांधी हुए थे। फिरोज गांधी का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था और इनके पिता का नाम जहांगीर और मां का नाम रतिमाई था।
वे मुंबई के खेतवाड़ी मोहल्ले के नौरोजी नाटकवाला भवन में रहा करते थे और इनके पिता जहांगीर किलिक में इंजिनियर थेजो बाद में वॉरंट इंजीनियर के पद पर काम करने लगे। फिरोज अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे और इनके भाई दोराब और फरीदुन जहांगीर और दो बहने तेहमिना करशश और आलू दस्तूर थीं। फिरोज परिवार मूल रूप से दक्षिण गुजरात के भरूच से ताल्लुख रखते थे और उनके पैतृक गृह आज भी कोटपारीवाड़ में स्थित है। फिरोज गांधी की शिक्षा इलाहाबाद में हुई थी और साल 1920 के दशक की शुरुआत में अपने पिता की मृत्यु के बाद फिरोज अपनी मां के साथ इलाहाबाद आ गए जो शहर के लेडी डफरीन अस्पताल में एक सर्जन थीं। इलाहाबाद में फिरोज ने विद्या मंदिर हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी और इसके बाद उन्होंने ईविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की पढाई की।
Indira Gandhi and Firoz Gandhi ने लवमैरिज की थी, और इंदिरा गांधी के पिता नहीं चाहते थे ये शादी होना। इंदिरा गांधी ने अपने पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर ये शादी की थी और दोनों की लवस्टोरी भी खूब चर्चित रही। ऐसा बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात साल 1930 में हुई थी। आजादी की लड़ाई में इंदिरा गांधी की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने बैठी थीं और इसी दौरान बेहोश हो गई। फिरोज उस समय वहीं मौजूद थे और उन्होंने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था और उनकी खूब देखभाल की थी। इसी दौरान वे अक्सर नेहरू आवास में आते-जाते थे और यहीं से इंदिरा गांधी की फिरोज से नजदीकियां बढ़ गईं। साल 1942 में फिरोज गांधी से इंदिरा की शादी हो गई थी और जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे मगर बाद में महात्मा गांधी ने नेहरू को समझाया और बाद में दोनों की शादी इलाहाबाद में अच्छे से हुई।
फिरोज जहांगीर को महात्मा गांधी ने अपना सरनेम दिया और उन्हें गोल दे लिया। इस तरह उन्हें गांधी सरनेम मिल गया और आज भी इनका खानदान इसी सरनेम के साथ चल रहा है। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिरा और फिरोज भी गांधी जी के साथ जेल गए थे। ऐसा बताया जाता है कि शादी के बाद इंदिरा और फिरोज के बीच आए दिन लड़ाइयां होती रहती थीं।
साल 1949 में Firoz Gandhi और इंदिरा गांधी को दो बेटे हुए थे और इनका नाम राजीव-संजय गांधी रखा गया। दोनों बेटे होने के बाद इनको इंदिरा अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं। उस समय संजय लखनऊ में रहे और इंदिरा के पिता के पास चले जाने के बाद फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरु किया और कई बड़े घोटालों में इसे उजागर भी किया था। 8 सिंतबर, 1960 में फिरोज का निधन हो गया और इसका कारण हार्ट अटैक बताया गया था।
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