जिंदगी कब हमें अर्श से फर्श पर ले आए ये कोई नहीं जानता लेकिन हर इंसान को समय और हालात के साथ जीना ही पड़ता है. कुछ ऐसा ही किया मशहूर गीतकार संतोष आनंद जी ने, जब उनके जीवन में तूफान आया और सब खत्म करके चला गया फिर भी उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी. हाल ही में सिंगिग रिएलिटी शो इंडियन आइडल में नेहा कक्कड़ ने मशहूर गीतकार संतोष आनंद को 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. 81 साल के संतोष आनंद ने Ek Pyar Ka Nagma Hai, मेघा रे, मैं ना भूलुंगा और जिंदगी की ना टूटे लड़ी जैसे सुपरहिट गाने लिखे. इतना सफल करियर बनने के बाद भी उनकी ऐसी हालत कैसे हो गई कि वे पाई-पाई के मोहताज हो गए?
Ek Pyar Ka Nagma Hai के गीतकार संतोष आनंद से जुड़ी बातें
संतोष आनंद जी
5 मार्च, 1939 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में जन्में संतोष आनंद जी ने काफी संघर्ष करके फिल्म इंडस्ट्री में वो पहचान बनाई जिसके लिए अक्सर लोग तरसते हैं. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1970 में आई फिल्म पूरब और पश्चिम से की थी लेकिन संतोष जी ने पहला गाना ‘Ek Pyar Ka Nagma Hai’ लिखा था जिसे पहली बार साल 1972 में आई फिल्म शोर मे सुना गया. इस गाने को मुकेश और लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी जबकि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इसे कंपोज किया था. गाना आज भी सुपरहिट है और इसके बोल हर किसी के दिल को छू जाने वाले हैं. इसके बाद साल 1974 में इन्होंने फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के लिए ‘मैं ना भूलूंगा..’ लिखा जिसके लिए संतोषजी को अपना पहला बेस्ट लिरिसिस्ट का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. इसके बाद आनंद जी ने क्रांति, प्यासा सावन और प्रेम रोग के लिए एक से बढ़कर एक गीत लिखे. धीरे-धीरे इंडस्ट्री में दूसरे लेखक आते गए और इन्हें काम मिलना काफी कम हो गया. साल 1992 में इनकी आखिरी दो फिल्में जुनून और तहलका थी, इसके बाद वे वापस अपने शहर चले गए और इंडस्ट्री से इनका नाम कहीं गुम हो गया.
समय बीतता गया और साल 2014 में संतोष आनंद जी एक बार फिर सुर्खियों में आए, जब इनके जीवन का सबसे बड़ा हादसा हुआ. उन दिनों खबरें थीं कि इनके जवान बेटे और बहू ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है. उस समय वह खुद शारीरिक रूप से कमजोर थे और इस हादसे ने उन्हें तोड़ दिया. संतोष जी व्हीलचेयर पर जीवन बिताने पर मजबूर हो गए. इसके बाद उन्हें ना सिर्फ चलने-फिरने में बल्कि बोलने में परेशानी होने लगी. एक रिएलिटी शो में संतोषजी ने खुद बताया कि आज वह सिर्फ अपनी पोती के लिए जिंदा है. उम्र के इस पड़ाव में आकर उनका इस तरह से आर्थिक रूप से जो कष्ट होना काफी दुखभरा है. मगर इंडस्ट्री में नेहा कक्कड़ के आगे आने से उम्मीद है कि दूसरे लोग भी उनकी मदद करेंगे.
यह भी पढ़ें- दिवंगत अभिनेता Sushant Singh Rajput को मिला विशेष सम्मान, फैंस हुए इमोशनल
जिंदगी कब हमें अर्श से फर्श पर ले आए ये कोई नहीं जानता लेकिन हर इंसान को समय और हालात के साथ जीना ही पड़ता है. कुछ ऐसा ही किया मशहूर गीतकार संतोष आनंद जी ने, जब उनके जीवन में तूफान आया और सब खत्म करके चला गया फिर भी उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी. हाल ही में सिंगिग रिएलिटी शो इंडियन आइडल में नेहा कक्कड़ ने मशहूर गीतकार संतोष आनंद को 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. 81 साल के संतोष आनंद ने Ek Pyar Ka Nagma Hai, मेघा रे, मैं ना भूलुंगा और जिंदगी की ना टूटे लड़ी जैसे सुपरहिट गाने लिखे. इतना सफल करियर बनने के बाद भी उनकी ऐसी हालत कैसे हो गई कि वे पाई-पाई के मोहताज हो गए?
Ek Pyar Ka Nagma Hai के गीतकार संतोष आनंद से जुड़ी बातें
संतोष आनंद जी
5 मार्च, 1939 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में जन्में संतोष आनंद जी ने काफी संघर्ष करके फिल्म इंडस्ट्री में वो पहचान बनाई जिसके लिए अक्सर लोग तरसते हैं. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1970 में आई फिल्म पूरब और पश्चिम से की थी लेकिन संतोष जी ने पहला गाना ‘Ek Pyar Ka Nagma Hai’ लिखा था जिसे पहली बार साल 1972 में आई फिल्म शोर मे सुना गया. इस गाने को मुकेश और लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी जबकि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इसे कंपोज किया था. गाना आज भी सुपरहिट है और इसके बोल हर किसी के दिल को छू जाने वाले हैं. इसके बाद साल 1974 में इन्होंने फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के लिए ‘मैं ना भूलूंगा..’ लिखा जिसके लिए संतोषजी को अपना पहला बेस्ट लिरिसिस्ट का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. इसके बाद आनंद जी ने क्रांति, प्यासा सावन और प्रेम रोग के लिए एक से बढ़कर एक गीत लिखे. धीरे-धीरे इंडस्ट्री में दूसरे लेखक आते गए और इन्हें काम मिलना काफी कम हो गया. साल 1992 में इनकी आखिरी दो फिल्में जुनून और तहलका थी, इसके बाद वे वापस अपने शहर चले गए और इंडस्ट्री से इनका नाम कहीं गुम हो गया.
समय बीतता गया और साल 2014 में संतोष आनंद जी एक बार फिर सुर्खियों में आए, जब इनके जीवन का सबसे बड़ा हादसा हुआ. उन दिनों खबरें थीं कि इनके जवान बेटे और बहू ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है. उस समय वह खुद शारीरिक रूप से कमजोर थे और इस हादसे ने उन्हें तोड़ दिया. संतोष जी व्हीलचेयर पर जीवन बिताने पर मजबूर हो गए. इसके बाद उन्हें ना सिर्फ चलने-फिरने में बल्कि बोलने में परेशानी होने लगी. एक रिएलिटी शो में संतोषजी ने खुद बताया कि आज वह सिर्फ अपनी पोती के लिए जिंदा है. उम्र के इस पड़ाव में आकर उनका इस तरह से आर्थिक रूप से जो कष्ट होना काफी दुखभरा है. मगर इंडस्ट्री में नेहा कक्कड़ के आगे आने से उम्मीद है कि दूसरे लोग भी उनकी मदद करेंगे.
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