गुरुग्राम: शहर में वर्क फ्रॉम होम होने के कारण बहुत सी महिलायें प्राकृतिक रूप से गर्भवती हो रही है. मिराकल मेडीक्लिनिक और अपोलो क्रेडल हॉस्पिटल, गुरुग्राम के डाक्टरों ने उम्मीद जतायी है कि दिसम्बर 2020 और फ़रवरी 2021 के बीच 30% से ज्यादा बच्चे पैदा होंगे. डॉ अमिता शाह, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हेड और मेडिकल डायरेक्टर, मिरेकल मेडिक्लिनिक और अपोलो क्रेडल हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने कहा, “मार्च में जब से महामारी शुरू हुई है तब से कपल्स घर से काम कर रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें घर पर साथ में समय बिताने का मौका मिल रहा है. बिजनेस ट्रेवल्स और आने-जाने में समय न लगने के कारण इसका बहुत ही शांतिकारी प्रभाव पड़ रहा है.
Lockdown में कपल्स | Couples during Lockdown
अप्रैल के अंत से हॉस्पिटल में अन्य सालों के मुकाबलें गर्भवती महिलाओं की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि देखी गई है. यह वही समय था जब लॉकडाउन के प्रतिबंधों के कारण कपल्स साथ में रह रहे थे. ये गर्भवती महिलाएं दिसंबर की शुरुआत में अपने गर्भावस्था के समय को पूरा कर लेंगी. जिन पैरेंट्स ने अपने बच्चें को वार्षिक जोड़ के आधार पर 1 जनवरी को बच्चे पैदा करने का शेड्यूल बनाया था,उनमे क्रिसमस से बच्चे पैदा होने शुरू होंगे.” डाक्टरों का कहना है कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ से कपल्स में इनफर्टिलिटी की समस्या कम हो रही है, 21 फ़रवरी 2021 तक 30% ज्यादा बच्चे पैदा होने की उम्मीद
– अप्रैल के अंत से हॉस्पिटल में अन्य सालों के मुकाबलें गर्भवती महिलाओं की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि देखी गई है. – जिन पैरेंट्स ने अपने बच्चें को वार्षिक जोड़ के आधार पर 1 जनवरी को बच्चे पैदा करने का शेड्यूल बनाया था, उनमे क्रिसमस से बच्चे पैदा होने शुरू होंगे. – गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था का अंतिम तिमाही सबसे क्रिटिकल समय होता है क्योंकि इस दौरान उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर रहती है. जिसकी वजह से उनमे इन्फेक्शन (कोविड 19) से इन्फेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है. – डाक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को घर पर फिजकल डिस्टेंस बनाये रखने, हाथ कुहने तक धोते रहने, ताजे फल और सब्जियां खाने और एक्टिव रहने तथा पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी है.
डाक्टरों के कहना है कि गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था का अंतिम तिमाही सबसे क्रिटिकल समय होता है क्योंकि इस दौरान उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर रहती है. जिसकी वजह से इन्फेक्शन (कोविड 19) से इन्फेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है.
डॉ अमिता शाह ने क्या कहा?
Dr. Amita Shah
डॉ अमिता शाह ने कहा, ” गर्भवती महिलाओं का इम्युनिटी लेवल सामान्यतः नार्मल के मुकाबलें कम हो जाता है. इस वजह से वे वायरस और बैक्टीरिया का टारगेट बहुत आसानी से बन जाती हैं. वे महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्सन के अलावा अन्य इन्फेक्शन के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाती है. हालांकि हाल के माहौल में उन्हें कोरोनावायरस से भी बहुत ज्यादा खतरा हो सकता है. यह खतरा तब और बढ़ सकता है जब उनके घर में कोई परिवार का सदस्य बाहर जा रहा हो. हम गर्भवती महिलाओं को घर पर भी 6 फीट का फिजकल डिस्टेंस बनाये रखने, हाथ कुहने तक धोते रहने, ताजे फल और सब्जियां खाने और एक्टिव रहने तथा पर्याप्त नींद लेने की सलाह देते है. अगर कोई इन्फेक्ट भी हो जाता है तो चिंता न करें.
अभी तक कोविड के वर्टिकल ट्रांसमिशन का कोई सबूत नहीं मिला है, जिसका मतलब है गर्भवती माँ के पेट में उसके बच्चे को यह इन्फेक्शन नहीं होता है. हालांकि अगर वह डिलीवरी के ट्रीटमेंट में है तो वह और उसके बच्चे को अतिरिक्त देखभाल की जरुरत है, खासकरके जब माँ बच्चे को दूध पिलाये और उससे कोई क्लोज कान्टेक्ट हो और माँ का हेल्थ पैरामीटर लगातार चेक किया जाना चाहिए. हमारे एलडीआर (लेबर, डिलिवरी और रिकवरी) रूम्स नियमित से सैनिटाइज किये जाते हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं.”
यह भी पढ़ें- कैंसर से जूझ रही पत्नी के इलाज के लिए पति ने लगाई Sonu Sood से मदद की गुहार
गुरुग्राम: शहर में वर्क फ्रॉम होम होने के कारण बहुत सी महिलायें प्राकृतिक रूप से गर्भवती हो रही है. मिराकल मेडीक्लिनिक और अपोलो क्रेडल हॉस्पिटल, गुरुग्राम के डाक्टरों ने उम्मीद जतायी है कि दिसम्बर 2020 और फ़रवरी 2021 के बीच 30% से ज्यादा बच्चे पैदा होंगे. डॉ अमिता शाह, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हेड और मेडिकल डायरेक्टर, मिरेकल मेडिक्लिनिक और अपोलो क्रेडल हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने कहा, “मार्च में जब से महामारी शुरू हुई है तब से कपल्स घर से काम कर रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें घर पर साथ में समय बिताने का मौका मिल रहा है. बिजनेस ट्रेवल्स और आने-जाने में समय न लगने के कारण इसका बहुत ही शांतिकारी प्रभाव पड़ रहा है.
Lockdown में कपल्स | Couples during Lockdown
अप्रैल के अंत से हॉस्पिटल में अन्य सालों के मुकाबलें गर्भवती महिलाओं की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि देखी गई है. यह वही समय था जब लॉकडाउन के प्रतिबंधों के कारण कपल्स साथ में रह रहे थे. ये गर्भवती महिलाएं दिसंबर की शुरुआत में अपने गर्भावस्था के समय को पूरा कर लेंगी. जिन पैरेंट्स ने अपने बच्चें को वार्षिक जोड़ के आधार पर 1 जनवरी को बच्चे पैदा करने का शेड्यूल बनाया था,उनमे क्रिसमस से बच्चे पैदा होने शुरू होंगे.” डाक्टरों का कहना है कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ से कपल्स में इनफर्टिलिटी की समस्या कम हो रही है, 21 फ़रवरी 2021 तक 30% ज्यादा बच्चे पैदा होने की उम्मीद
– अप्रैल के अंत से हॉस्पिटल में अन्य सालों के मुकाबलें गर्भवती महिलाओं की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि देखी गई है. – जिन पैरेंट्स ने अपने बच्चें को वार्षिक जोड़ के आधार पर 1 जनवरी को बच्चे पैदा करने का शेड्यूल बनाया था, उनमे क्रिसमस से बच्चे पैदा होने शुरू होंगे. – गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था का अंतिम तिमाही सबसे क्रिटिकल समय होता है क्योंकि इस दौरान उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर रहती है. जिसकी वजह से उनमे इन्फेक्शन (कोविड 19) से इन्फेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है. – डाक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को घर पर फिजकल डिस्टेंस बनाये रखने, हाथ कुहने तक धोते रहने, ताजे फल और सब्जियां खाने और एक्टिव रहने तथा पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी है.
डाक्टरों के कहना है कि गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था का अंतिम तिमाही सबसे क्रिटिकल समय होता है क्योंकि इस दौरान उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर रहती है. जिसकी वजह से इन्फेक्शन (कोविड 19) से इन्फेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है.
डॉ अमिता शाह ने क्या कहा?
Dr. Amita Shah
डॉ अमिता शाह ने कहा, ” गर्भवती महिलाओं का इम्युनिटी लेवल सामान्यतः नार्मल के मुकाबलें कम हो जाता है. इस वजह से वे वायरस और बैक्टीरिया का टारगेट बहुत आसानी से बन जाती हैं. वे महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्सन के अलावा अन्य इन्फेक्शन के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाती है. हालांकि हाल के माहौल में उन्हें कोरोनावायरस से भी बहुत ज्यादा खतरा हो सकता है. यह खतरा तब और बढ़ सकता है जब उनके घर में कोई परिवार का सदस्य बाहर जा रहा हो. हम गर्भवती महिलाओं को घर पर भी 6 फीट का फिजकल डिस्टेंस बनाये रखने, हाथ कुहने तक धोते रहने, ताजे फल और सब्जियां खाने और एक्टिव रहने तथा पर्याप्त नींद लेने की सलाह देते है. अगर कोई इन्फेक्ट भी हो जाता है तो चिंता न करें.
अभी तक कोविड के वर्टिकल ट्रांसमिशन का कोई सबूत नहीं मिला है, जिसका मतलब है गर्भवती माँ के पेट में उसके बच्चे को यह इन्फेक्शन नहीं होता है. हालांकि अगर वह डिलीवरी के ट्रीटमेंट में है तो वह और उसके बच्चे को अतिरिक्त देखभाल की जरुरत है, खासकरके जब माँ बच्चे को दूध पिलाये और उससे कोई क्लोज कान्टेक्ट हो और माँ का हेल्थ पैरामीटर लगातार चेक किया जाना चाहिए. हमारे एलडीआर (लेबर, डिलिवरी और रिकवरी) रूम्स नियमित से सैनिटाइज किये जाते हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं.”
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