आखिर क्यों मनाया जाता है 21 जून को ही योग दिवस, जानिए इसका इतिहास

0
97

योग दिवस

किसी भी कानून को लागू करने में सबके मत मिले ये जरूरी नहीं होता, कुछ ऐसा ही हुआ था जब योग दिवस का एक दिन निर्धारित किया गया था और लोगों ने इसमें भी विवाद खड़े कर दिये थे. आज के मतभेदों और विवादों से भरे समाज में अगर दुनिया के लगभग सभी देश एक बात पर सहमति जताए तो उसे मान लेना चाहिए कि ये काम देशहित में है. 21 जून को दुनियाभर में मनाया जाने वाला योग दिवस कुछ ऐसा ही आयोजन है जिसे सभी ने अपने स्वास्थ्य को मानसिक और शारीरिक रूप से अच्छा रखा जाए. बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि ये योग दिवस सिर्फ 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है तो आज रोचक सफर में हम आपके इसी सवाल का जवाब देंगे और बताएंगे योग के कुछ महत्वपूर्ण फायदे..

आखिर क्यों मनाया जाता है 21 जून को ही योग दिवस –

Image Courtesy : Deccan Chronicle

भारत में योग करीब 5000 साल पुराना है, जो मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से मान्यता प्राप्त है और अब बहुत से लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा है. 27 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दुनियाभर के लोगों को योग दिवस मनाने का आह्वाहन किया. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा भारत के लिए बहुत अच्छा लम्हा था, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव को तीन महीने के अंदर आयोजन करने का ऐलान किया. फिर महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को इस बात का ऐलान किया कि 21 जून को हर साल पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाएगा. 21 जून को ही योग दिवस मनाने के पीछे एक खास वजह है, दरअसल इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है. भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. पहला अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को मनाया गया, जिसमें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार लोगों दिल्ली के राजपथ पर 21 योगासन किये जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधी भी शामिल थे. इस समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स भी बनाए, जिसमें सबसे बड़ी योग क्लास (35,985 लोग एक साथ) और 84 देशों के लोग इस आयोजन में आए, इसका रिकॉर्ड स्थापित हुआ.

योग करने के 10 बेमिसाल फायदे –

Image Courtesy : NewsX

1. योग शारीरिक, मानसिक और आध्यत्मिक तरह से लाभ देता है. आज की चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है की योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानवजाति के लिए वरदान है.

2. आज के समय में युवा अपना ज्यादा समय जिम में देते हैं और वहां मशीनों से अपने शरीर को स्वस्थ बनाते हैं लेकिन अगर वे खुले आसमान में योगा करें तो उन्हें जिम की आवश्यकता ही ना पड़े. योग से शरीर के समस्त अंग प्रत्यंगों,ग्रंथियों का व्यायाम होता है जिससे अंग प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं.

3. योगाभ्यास करने से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है. आप बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं त्वचा पर चमक आती है और शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बनेगा.

4. जहां एक तरफ योगासन मांस पेशियों को मजबूत बनाता है जिसकी वजह से दुबला पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है. वहीं दूसरी ओर योग के नियमित रूप से करने से फैट भी कम होता है और आप खुद को हमेशा फिट भी रख सकते हैं.

5. योगासनों को नियमित रूप से करिये और अपनी मांसपेशियों को दुरुस्त बनाकर हर दिन और रात अच्छी नींद का लाभ उठाइए. जिससे तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, पाचन सही रहता है.

6. योग के अंग प्राणायाम एवं ध्यान भी योगासनों की तरह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं, प्राणायाम के द्वारा श्वास प्रश्वास की गति पर नियंत्रण होता है जिससे श्वसन संस्थान सम्बन्धित रोगों में बहुत फायदा मिलता है. दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस,पुराना नजला, जुकाम आदि रोगों में तो प्राणायाम बहुत फायदेमंद है ही साथ ही इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलने लगती है जिसका पूरे शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है.

7. आजकल ध्यान यानि मेडिटेशन का प्रचार हमारे देश से ज्यादा विदेशों में हो रहा है. आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में ध्यान लगाकर बैठना भी बहुत जरूरी है. मेडिटेशन से बेहतर और कुछ नहीं है ध्यान से मानसिक तनाव दूर होकर गहन आत्मिक शांति महसूस होती है, कार्य शक्ति बढती है ,नींद अच्छी आती है.

8. योग करने से ब्लड शुगर का लेवल घटता है और ये LDL या बैड कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है. डायबिटीज रोगियों के लिए योग बहुत जरूरी होता है और ये फायदेमंद भी है.

9. कुछ अध्यनों में पाया गया है कि कुछ तरह के योग आसनो और मैडिटेशन के द्वारा आर्थराइटिस, बैक पेन जैसी गंभीर बीमारियां बिना दवाओं के खत्म हो सकती है.

10. योग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और अगर आप दवाओं पर निर्भर हैं तो उसे घटाता है. बहुत से शोधों में ये बात साबित हुई है कि अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मरीज अगर हर दिन योग करें तो पूरी तरह स्वस्थ रह सकते हैं.

Share on FacebookShare
Share on TwitterTweet
Share on Google PlusShare

Share on PinterestShare

Share on LinkedInShare
Share on DiggShare