22 अगस्त से शुरु होने वाले गणेश चतुर्थी की धूम इस बार CoronaVirus के कारण फीकी पड़ रही है। मगर अपने-अपने घरों में बप्पा की पूजा करने से किसी को मना नहीं किया गया है, लोग अपने-अपने घरों में Lord Ganesha की प्रतिमा ला सकते हैं। Ganesh Chaturthi का पर्व महाराष्ट्र का प्रमुख त्यौहार है जिसे अब पूरे भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। ये प्रतिमा लोग अपने गली, मोहल्ले या घर में रखते हैं और 3 दिन, 5 दिन या फिर पूरे 10 दिनों तक इनकी पूजा करने के बाद गंगाजी में प्रवाहित करा दिया जाता है। यहां हम आपको Ganesh Chaturthi Special पर कुछ खास बातें बताएंगे।
गणपति बप्पा से जुड़ी अनसुनी बातें | Ganesh Chaturthi Special
गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगाते हुए बप्पा को अगले साल वापस आने का न्यौता भी देते हैं। ये अक्सर मध्य अगस्त या फिर मध्य सितंबर में पड़ता है और लोगों में इसका उत्सव खूब देखने को मिलता है। इन 10 दिनों तक लोग भक्ति में सराबोर रहते हैं। इस बार 2 सितंबर सुबह 10 बजे से मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त होगा और इस दौरान आप गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हुए बप्पा से मनवांछित फल मांगते हैं।
1. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश पुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान गणेश का जन्मदिन होता है।
2. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्यौहार होता है और यहां दस दिनों तक गणेश महोत्वस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
3. भगवान गणेश ऐसे देवता हैं जो भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह के फल देने वाले होते हैं।
4. गणेश चतुर्थी की पूजा करने से व्यक्ति 221 तरह के दुखों से दूर होता है और उन्हें उनके कष्टों से छुटकारा भी मिलता है।
गणेश चतुर्थी
5. भगवान गणेश को दूर्वा बहुत ही प्रिय होती है और दूर्वा चढ़ाने से हर किसी की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इसलिए गणेश जी को दूर्वा यानी घास अर्पित किया जाता है।
6. भगवान गणेश का वाहन चूहा है और उनकी हमेशा बैठे रहने वाली मूर्ति ही स्थापित करनी चाहिए क्योंकि गणेश जी को बैठने की आदत रही है।
7. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही अराधना करनी चाहिए और ये वरदान उन्हें उनके पिता भगवान शंकर ने दिया था।
8. चतुर्थी तिथि, स्वस्तिक का चिन्ह, मोदक और लाल रंग के फूल इन्हें सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं और गणेश जी को इसी रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए।
9. पूर्व दिशा और लेखन में भगवान गणेश की रुचि होती है और इसके अलावा गणेश जी को भोजन में सिर्फ मोदक या मोतीचूर के लड्डू ही अर्पित करें।
10. गणेश जी अपने भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं लेकिन अगर आपकी भक्ति सच्चे मन से होगी तो ऐसा जरूर होगा।
गणपति स्थापना का शुभ समय
गणेश चतुर्थी का पर्व है और हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। इस तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था और ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन पैदा होने वाले शिशु पुत्र ही होते हैं जो गणेश जी की छवि कहलाते हैं। गणेश चतुर्थी पर बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और ये पर्व 10 दिनों के लिए ही होता है। 22 अगस्त, 2020 से शुरु होने वाले गणेण चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) पर मूर्ति स्थापित करने का समय प्रात: 11 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक है।
यह भी पढ़ें- सिर्फ ‘रामभक्त’ ही जानते होंगे रामायण से जुड़ी ये 10 अहम बातें
22 अगस्त से शुरु होने वाले गणेश चतुर्थी की धूम इस बार CoronaVirus के कारण फीकी पड़ रही है। मगर अपने-अपने घरों में बप्पा की पूजा करने से किसी को मना नहीं किया गया है, लोग अपने-अपने घरों में Lord Ganesha की प्रतिमा ला सकते हैं। Ganesh Chaturthi का पर्व महाराष्ट्र का प्रमुख त्यौहार है जिसे अब पूरे भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। ये प्रतिमा लोग अपने गली, मोहल्ले या घर में रखते हैं और 3 दिन, 5 दिन या फिर पूरे 10 दिनों तक इनकी पूजा करने के बाद गंगाजी में प्रवाहित करा दिया जाता है। यहां हम आपको Ganesh Chaturthi Special पर कुछ खास बातें बताएंगे।
गणपति बप्पा से जुड़ी अनसुनी बातें | Ganesh Chaturthi Special
गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगाते हुए बप्पा को अगले साल वापस आने का न्यौता भी देते हैं। ये अक्सर मध्य अगस्त या फिर मध्य सितंबर में पड़ता है और लोगों में इसका उत्सव खूब देखने को मिलता है। इन 10 दिनों तक लोग भक्ति में सराबोर रहते हैं। इस बार 2 सितंबर सुबह 10 बजे से मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त होगा और इस दौरान आप गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हुए बप्पा से मनवांछित फल मांगते हैं।
1. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश पुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान गणेश का जन्मदिन होता है।
2. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्यौहार होता है और यहां दस दिनों तक गणेश महोत्वस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
3. भगवान गणेश ऐसे देवता हैं जो भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह के फल देने वाले होते हैं।
4. गणेश चतुर्थी की पूजा करने से व्यक्ति 221 तरह के दुखों से दूर होता है और उन्हें उनके कष्टों से छुटकारा भी मिलता है।
गणेश चतुर्थी
5. भगवान गणेश को दूर्वा बहुत ही प्रिय होती है और दूर्वा चढ़ाने से हर किसी की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इसलिए गणेश जी को दूर्वा यानी घास अर्पित किया जाता है।
6. भगवान गणेश का वाहन चूहा है और उनकी हमेशा बैठे रहने वाली मूर्ति ही स्थापित करनी चाहिए क्योंकि गणेश जी को बैठने की आदत रही है।
7. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही अराधना करनी चाहिए और ये वरदान उन्हें उनके पिता भगवान शंकर ने दिया था।
8. चतुर्थी तिथि, स्वस्तिक का चिन्ह, मोदक और लाल रंग के फूल इन्हें सबसे ज्यादा प्रिय होते हैं और गणेश जी को इसी रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए।
9. पूर्व दिशा और लेखन में भगवान गणेश की रुचि होती है और इसके अलावा गणेश जी को भोजन में सिर्फ मोदक या मोतीचूर के लड्डू ही अर्पित करें।
10. गणेश जी अपने भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं लेकिन अगर आपकी भक्ति सच्चे मन से होगी तो ऐसा जरूर होगा।
गणपति स्थापना का शुभ समय
गणेश चतुर्थी का पर्व है और हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। इस तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था और ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन पैदा होने वाले शिशु पुत्र ही होते हैं जो गणेश जी की छवि कहलाते हैं। गणेश चतुर्थी पर बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और ये पर्व 10 दिनों के लिए ही होता है। 22 अगस्त, 2020 से शुरु होने वाले गणेण चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) पर मूर्ति स्थापित करने का समय प्रात: 11 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक है।
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