Solar Eslipse 2020: 21 जून 2020 को सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट से शुरु होगा और 3 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 20 जून की रात करीब 9 बजकर 25 मिनट पर लग जाएगा। ग्रहण में सूतक काल काफी अहम माना जाता है और ग्रहण के दौरान कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करना मना होता है। इस लेख में हम आपको इसी बारे में कुछ अहम बातें बताएंगे और साथ ही ये भी जानकारी देंगे कि सूर्य ग्रहण क्यों लगता है?
सूर्य ग्रहण (Solar Eslipse) 2020 से जुड़ी अहम बातें
21 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eslipse 2020) है और ये इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है। ये सूर्य ग्रहण देव के दिन यानी रविवार के दिन लग रहा है। ऐसा सूर्य ग्रहण साल 2001 में लगा था जो अब 19 सालों के बाद लगने वाला है। ये सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसे चूड़ामणि सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। इसमें सूर्य को चंद्रमा पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा। सूर्य के बीच का भाग चंद्रमा ढक लेगा जबकि बाहरी गोलाई दिखाई देगी इसलिए सूर्य ग्रहण पर ये कंगन की तरह चमकेगा। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक मान्य होगा और इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूर्य को 99 प्रतिशत ढक देगा। ये सूर्य ग्रहण आषाढ़ के महीने की अमावस्या तिथि पर, सूर्य के मिथुन राशि में होने और मृगशिरा नक्षत्र में घटित होगा। सभी जगह एक सा सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, कुछ जगहों पर ये ग्रहण खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा तो कुछ जगह कंगन जैसा नजर आएगा।
Solar Eslipse 2020
सूर्य ग्रहण में नहीं करें ये काम
- ग्रहण के समय किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ के सेवन नहीं करें, हालांकि ग्रहण के नियम में बच्चों, बीमार और बुजुर्गों पर लागू नहीं होते।
- सूतक काल के दौरान कोई भी नया काम शुरु करने से परहेज करना चाहिए। घर का निर्माण, वाहन की खरीददारी या शादी-विवाह की तैयारियों को रोक देना चाहिए।
- ग्रहण का सूतक काल लग जाने के बाद नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान कैंची, चाकू, कांटा या सुई जैसी चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें।
- सूतक के दौरान आपको भगवान का ध्यान रखना चाहिए इससे नकारात्मकता दूर होती है। इस समय आपको धार्मिक पुस्तकें पढ़नी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत सारी चीजों से बचना चाहिए। हो सके तो वे घर से बाहर ना निकलें, अगर आप ग्रहण देख लेती हैं तो गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक या मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण तभी लगता है जब चंद्रमा घूमते हुए सूरज और पृथ्वी के बीच आता है। इसका सीधा मतलब ये है कि दिन के समय चंद्रमा जब भी घूमते हुए सूरज और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है तो हमें सूर्य ग्रहण देखने को मिल जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण धरती पर कहीं ना कहीं करीब हर डेढ़ साल में एक बार लगता है जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण धरती पर साल में लगभग दो बार लगता है। चंद्रमा जब पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।
यह भी पढ़ें- हनुमान जी के 5 चमत्कारिक मंदिर जो उनके आज भी होने के देते हैं सबूत
Solar Eslipse 2020: 21 जून 2020 को सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट से शुरु होगा और 3 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 20 जून की रात करीब 9 बजकर 25 मिनट पर लग जाएगा। ग्रहण में सूतक काल काफी अहम माना जाता है और ग्रहण के दौरान कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करना मना होता है। इस लेख में हम आपको इसी बारे में कुछ अहम बातें बताएंगे और साथ ही ये भी जानकारी देंगे कि सूर्य ग्रहण क्यों लगता है?
सूर्य ग्रहण (Solar Eslipse) 2020 से जुड़ी अहम बातें
21 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eslipse 2020) है और ये इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है। ये सूर्य ग्रहण देव के दिन यानी रविवार के दिन लग रहा है। ऐसा सूर्य ग्रहण साल 2001 में लगा था जो अब 19 सालों के बाद लगने वाला है। ये सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसे चूड़ामणि सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। इसमें सूर्य को चंद्रमा पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा। सूर्य के बीच का भाग चंद्रमा ढक लेगा जबकि बाहरी गोलाई दिखाई देगी इसलिए सूर्य ग्रहण पर ये कंगन की तरह चमकेगा। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक मान्य होगा और इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूर्य को 99 प्रतिशत ढक देगा। ये सूर्य ग्रहण आषाढ़ के महीने की अमावस्या तिथि पर, सूर्य के मिथुन राशि में होने और मृगशिरा नक्षत्र में घटित होगा। सभी जगह एक सा सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, कुछ जगहों पर ये ग्रहण खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा तो कुछ जगह कंगन जैसा नजर आएगा।
Solar Eslipse 2020
सूर्य ग्रहण में नहीं करें ये काम
- ग्रहण के समय किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ के सेवन नहीं करें, हालांकि ग्रहण के नियम में बच्चों, बीमार और बुजुर्गों पर लागू नहीं होते।
- सूतक काल के दौरान कोई भी नया काम शुरु करने से परहेज करना चाहिए। घर का निर्माण, वाहन की खरीददारी या शादी-विवाह की तैयारियों को रोक देना चाहिए।
- ग्रहण का सूतक काल लग जाने के बाद नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान कैंची, चाकू, कांटा या सुई जैसी चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें।
- सूतक के दौरान आपको भगवान का ध्यान रखना चाहिए इससे नकारात्मकता दूर होती है। इस समय आपको धार्मिक पुस्तकें पढ़नी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बहुत सारी चीजों से बचना चाहिए। हो सके तो वे घर से बाहर ना निकलें, अगर आप ग्रहण देख लेती हैं तो गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक या मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण तभी लगता है जब चंद्रमा घूमते हुए सूरज और पृथ्वी के बीच आता है। इसका सीधा मतलब ये है कि दिन के समय चंद्रमा जब भी घूमते हुए सूरज और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है तो हमें सूर्य ग्रहण देखने को मिल जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण धरती पर कहीं ना कहीं करीब हर डेढ़ साल में एक बार लगता है जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण धरती पर साल में लगभग दो बार लगता है। चंद्रमा जब पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।
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