Sandeep Maheshwari Story in Hindi- संदीप माहेश्वरी….ये एक ऐसा नाम नाम है जिसे आज के युवा अच्छी तरह जानते हैं. संदीप माहेश्वरी ने अपने जीवन की असफलताओ से निराश ना होकर जीवन में आगे बढ़ते हुए एक सफल करियर बनाया जिसके लिए वो आज भी अपने सेमिनार के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते रहते है. संदीप माहेश्वरी की imagesBazar नाम की एक कम्पनी है जिसका वर्तमान में करोड़ो का टर्नओवर है.
sandeep maheshwari wife का नाम नेहा महेश्वरी है और वे उनका हर मोड़ पर साथ देती हैं. संदाप माहेश्वरी उन करोड़ो लोगो में से एक है जिन्होंने संघर्ष किया, असफल हुए और तेजी से सफलता, ख़ुशी और संतोष पाने के लिए आगे बढ़ते गए. वे अन्य लोगों की ही तरह साधारण परिवार से ही थे, लेकिन अपने जीवन के उद्देश को पूरा करने के लिए उनके पास बहुत सारे सपने और और उन्हें पूरा करने की दृष्टी थी. उनके पास जो भी था उन सभी से उन्हें सिखने की तीव्र इच्छा रहती थी. अपने जीवन में कई बार उतार चढाव का सामना करते हुए, समय ने उन्हें जीवन का सही मतलब समझाया.
Sandeep Maheshwari quotes in hindi
तो आइये रोचक सफर में बताते हैं आपको Sandeep Maheshwari की सफलता की कहानी जो उन्होंने खुद अपने कुछ सेमिनार के माध्यम से बताई है….
Image Source : youtube
- संदीप माहेश्वरी का जन्म 28 सितम्बर साल 1980 को दिल्ली में हुआ था. उन्हें बचपन से ही ऐसा लगता कि वो जीवन में बहुत कुछ कर सकते है लेकिन उनकी सफलता की सीढ़ी इतनी आसान नही थी.
- संदीप जब 10वीं कक्षा में थे तब उनके पिता का व्यापार ठप हो गया जिससे उनके पिताजी खुद काफी निराश हो गये थे.
- संदीप के पिता का एल्युमीनियम का व्यापार था जिसकी शुरुआत उन्होंने 70 के दशक में एक पार्टनर के साथ की थी जो शुरुआत में बहुत अच्छा चला था लेकिन 80 के दशक के अंत तक आते आते किन्ही कारणों की वजह से बंद हो गया था.
- अब पिता का व्यापार ठप हो जाने की वजह से संदीप के परिवार की आर्थिक स्थिथि कमजोर हो गयी थी. उनके पिता सहित पूरा परिवार तनाव में आ गया था.
- ऐसी मुश्किल घड़ी में संदीप के परिवार में टूटने की बजाय खुद को मजबूत किया. संदीप ने खुद अपने परिवार को इस मुश्किल घड़ी में हिम्मत से काम लेने को कहा था जो उस वक़्त तक केवल 14–15 साल के थे.
- परिवार की सारी आर्थिक जिम्मेदारियां संदीप पर आ गईं जब वे मात्र 19 वर्ष के थे. वे अपने परिवार के लिए करना तो बहुत चाहते थे लेकिन उनके पास कुछ ऐसा नहीं था जिससे वो अपने परिवार की आर्थिक स्तिथि को मजबूत बनाने में सहयोग कर सके.
- संदीप की माँ ने खजूर के पान बनाने का काम शुरु कर दिया और संदीप उन खजूर के पानों को बेचा करते थे. इसके लिए उन्होंने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्चे बनवाए कि खजूर के पान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है. हालांकि उन्होंने इस काम में अपने परिवार के साथ खूब मेहनत की थी लेकिन वो ज्यादा नहीं चल पाया और आखिर में बंद हो गया.
- उन्होंने STD, PCO की दूकान खोली. 90 के दशक में मोबाइल की शुरुआत नहीं हुयी थी इसलिए STD की दूकान का अच्छा काम था. इस दूकान पर वैसे तो उनकी माँ बैठती थीं लेकिन कभी-कभी स्कूल से आने पर वो खुद भी बैठते थे.
- STD की दूकान पर संदीप का अनुभव भी बहुत खराब रहा क्योंकि चंद पैसों के लिए ग्राहक उनकी माँ से लड़ते रहते थे. तब उनको ऐसा लगने लग गया कि जिसके पास पैसा है वो ही भगवान है बाकि सब व्यर्थ है.
- अब उस समय संदीप का यही मानना था कि अगर कहीं से पैसा आ जाए तो जीवन में ना कुछ करना है और ना कुछ चाहिये.
- कुछ दिनों बाद उनकी STD की दूकान भी आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गयी और वो नौकरी की तलाश करने लगे गये लेकिन कहीं से कोई आस नजर नहीं आ रही थी. अब वो निराश हो गये थे.
- संदीप माहेश्वरी के जीवन में उस समय एक नया मोड़ आया जब उन्होंने एक MLM के सेमिनार में हिस्सा लिया. उस समय उनकी उम्र केवल 18 साल थी लेकिन उस समय सेमिनार में उन्हें कुछ समझ नही आया था.
- Read more: Amrapali Dubey
- उस सेमिनार में उन्होंने जो भी सुना सब उनके उपर से निकल गया था. उस समय कोई उनकी ही तरह 21 साल का लड़का सेमिनार दे रहा था. उनको पुरे सेमिनार में तो कुछ समझ में नहीं आया लेकिन सेमिनार के अंत में जो उसने बात कही वो उनके दिल को छू गये.
- उसने कहा था “मेरी उम्र 21 साल है और मैं महीने का ढाई लाख कमा रहा हुं”. उस लडके ने चेक भी सबको दिखाया तो उसे देखकर संदीप के होश उड़ गये.
- संदीप ने उस समय तक केवल ये सोच रखा था कि 10-15 हजार हर महीना कमाने में भी लोगों को कई साल लग जाते है और ये लड़का केवल 21 साल की उम्र में इतने पैसे कैसे कमा रहा है.
- तब से संदीप ने सोच लिया कि “अगर ये लड़का ऐसा कर सकता है तो मै ऐसा क्यों नही कर सकता हुं”. उस वक़्त उनके जहन में “आसान है” शब्द आया जो उनकी सभी प्रेरणादायी स्पीच का थीम है.
- इसी शब्द ने उनके मन में नई ऊर्जा भर दी. अब उस समय वो अपने सभी दोस्तों को बोलने लग गये थे कि ”पैसा कमाना बहुत आसान है और कुछ दिनों में मै भी लाखों रूपये गिनुंगा”. उनकी बात सुनकर सब उन्हें पागल कहते थे.
- जब संदीप जी ने उस लडके की तरह काम करने की ठान ली तब उन्होंने भी वैसा ही काम करने का विचार किया जैसा कि वो लड़का कर रहा था क्योंकि उस समय तक उनके अंदर की आवाज उनको उसके सिवा कुछ नहीं बोल रही थी.
- अब वो अपने कुछ दोस्तों को साथ लेकर उसी लड़के की कम्पनी में गये लेकिन किसी ने भी उस कंपनी को ज्वाइन नहीं किया.
- अब उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाने लगे थे कि “कितनी बड़ी बातें हांक रहा था और एक ही झटके में फूस हो गया.”
- यहां पर उन्हें अपने जीवन की पहली असफलता हाथ लगी थी जिसके दो ही कारण वो खुद मानते है. पहला उन्होंने अंदर की आवाज नहीं सूनी और दुसरी वो शेयरिंग में विश्वास नहीं करते थे.
- sandeep maheshwari speech में बताया था कि “सफलता हमेशा बुरे अनुभवों से आती है”. यहां पर अपनी असफलता से वो उदास नहीं हुए.
- इसके बाद एक बार फिर उन्होंने अपने अंदर की आवाज नहीं सुनी. इस बार उनके दोस्तों और परिवार के कुछ लोगों ने मजाक मजाक में उनको चिढ़ा दिया कि “तू तो हीरो लगता है”.
- अब इतने लोगो की बात सुनकर उनको खुद को भी ऐसा ही लगने लगा इसलिए वो मॉडल बनने के लिए निकल पड़े. उन्होंने तुरंत कॉलेज से ड्रॉप आउट किया और अपनी असली रूचि और जोश को हासिल करने में जुट गए.
- संदीप की रूचि मॉडलिंग और फ़ोटोग्राफ़ी में थी. 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की .
- जब वो किसी ऑडिशन में गये तो उन्होंने देखा कि उनके जैसे हजारों मॉडल लाइन में खड़े हुए हैं तब उनको एहसास हुआ कि हर जगह होड़ मची हुयी है. इसके बावजूद उन्होंने कुछ म्यूजिक वीडियोज़ भी किये थे लेकिन वो उनके अंदर की आवाज नहीं थी.
- अब मॉडलिंग करते हुए उनका एक मित्र उनके पास कुछ फोटोग्राफ लेकर आया. उन फोटोग्राफ को देखकर पहली बार उनके अंदर की आवाज आयी कि “मुझे फोटोग्राफी सीखनी है और मुझे फोटोग्राफर बनना है”.
- इसके बाद उन्होंने 2 सप्ताह का फोटोग्राफी का कोर्स ज्वाइन कर लिया. इसके बाद उन्होंने 12,000 रूपये का एक कैमरा खरीद लिया. उसके बाद वो अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की मुफ्त में फोटो खींचना शूरू कर दिया.
- अब वो एक ठीक-ठाक फोटो ग्राफर तो बन गये थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके जैसे लाखों फोटोग्राफर देश में धक्के खा रहे है तो वो ऐसा क्या काम करें जिससे वो इन सब फोटो ग्राफर से अलग हो.
- अब उनकी असफलता उनकी सफलता बनकर सामने आयी. उनको मॉडलिंग में जो असफलता मिली थी उससे उनको अनुभव हो गया था कि देश में 90 प्रतिशत मॉडलिंग एजेंसीज फ्रॉड है और केवल 10 प्रतिशत कम्पनीज ही सही है.
- अब वो इन 10 कंपनियों का प्रचार करने लगे गये जो बात लोगो को काफी पसंद आयी. अब उन्होंने अख़बार में एक विज्ञापन निकाला “फ्री पोर्टफोलियो”. अब उनके यहाँ पर लाइन लग गयी.
- उन्होंने सभी लोगों को सच बताते हुए कहा कि “अगर आप खुद रोल लेकर आएं तो खर्चा 3000 रूपये तक आ जाएगा लेकिन मुझे होलसेल में सस्ता रोल मिल जाता है जिससे आपकी कीमत आधी हो जायगी, अब आप अपनी पसंद चुन लीजिये”.
- उस समय लोगों को कोई आपति नहीं हुयी क्योंकि उनके तो वैसे भी पैसे बच रहे थे. अब उन्होंने अख़बार में जो 4800 रूपये का जो विज्ञापन दिया था जिसके कारण 7-8 लोगो ने उनसे पोर्टफोलियो बनवाया जिनसे उन्हें अपने जीवन की पहली कमाई 10-15000 रूपये मिली थी.
- इसके बाद उनका फोटोग्राफी का बिज़नस चल पड़ा था और वो आसानी से 20-25 हजार कमाने लग गये थे. अब उनको वापस उसी लडके की याद आयी जो 21 साल में करोड़पति बन गया था.
- फिर संदीप ने सोचा कि ऐसे तो जिन्दगी भर करोड़पति नही बना जा सकता है. उसके लिए कुछ नया करना पड़ेगा.
- जब उन्होंने कुछ नया करने का विचार किया तब सोचा कि “क्यों ना फोटोग्राफी में कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए”. फिर उन्होंने इसके लिए Limca Book Of World Records के अधिकारियों से बात की तो उनको एक बार तो मजाक लगा क्योंकि उस वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनको 12 घंटे में 100 मॉडल्स के 10,000 फोटो खींचनी थी.
- संदीप जी ने अपनी असफलताओं से ठान लिया था कि कोई भी काम मुश्किल नही है बस काम करने का जज्बा होना चाहिए.
- अब उन्होंने काफी परेशानियों के साथ मॉडल्स का इतंजाम किया जिसके लिए उनके खूब पैसे लगे थे लेकिन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से उनको कोई नही रोक सका. केवल 22 साल में ये रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम कर लिया.
- वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद उनको काफी शोहरत मिलने लगी जिसके कारण उनके पास मॉडल्स और विज्ञापन कंपनियों की लाइन लग गयी.
- कुछ ही समय में उनकी कम्पनी ना केवल दिल्ली बल्कि भारत की बड़ी एजेंसी बन गये. अब उनके पास पैसों की बरसात होने लगी थी.
- इसके बाद साल 2006 में उनके दिमाग में ImagesBazaar का आईडिया आया था जो आज देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन इमेजेज की कम्पनी है जिससे वो हर साल करोड़ों रूपये कमाते है.
- इसके बाद संदीप ने ImagesBazaar के साथ लाइफ चेंजिंग सेमिनार देकर देश के लाखों युवाओ को प्रेरित किया क्योंकि वो शेयरिंग में विश्वास रखते है.
- आज वे जगह जगह motivational seminar करते हैं और लाखों लोगों को अपने सपने साकार करने की प्रेरणा देते हैं.
- संदीप अपने यूट्यूब चैनल के जरिये अपने सेमिनारों की वीडियो इंटरनेट पर सभी से शेयर करते हैं. हैरानी की बात तो ये है की वे सभी सेमिनार मुफ्त में करते है और एक पैसा भी नहीं लेते. किसी से उनका एकमात्र मकसद लोगों की भलाई करना है.
- संदीप अक्सर कहते हैं “Aasaan Hai” और लोगों का मनोबल बढ़ाते हैं. संदीप को उनके सफल बिज़नेस और प्रेरणादायक सेमिनारों के लिये अनेक पुरस्कार मिले हैं और पूरे विश्व में उन्हें काफी लोकप्रियता और सम्मान मिला है.
Read more: Yuvraj singh biography
Sandeep Maheshwari Story in Hindi- संदीप माहेश्वरी….ये एक ऐसा नाम नाम है जिसे आज के युवा अच्छी तरह जानते हैं. संदीप माहेश्वरी ने अपने जीवन की असफलताओ से निराश ना होकर जीवन में आगे बढ़ते हुए एक सफल करियर बनाया जिसके लिए वो आज भी अपने सेमिनार के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते रहते है. संदीप माहेश्वरी की imagesBazar नाम की एक कम्पनी है जिसका वर्तमान में करोड़ो का टर्नओवर है.
sandeep maheshwari wife का नाम नेहा महेश्वरी है और वे उनका हर मोड़ पर साथ देती हैं. संदाप माहेश्वरी उन करोड़ो लोगो में से एक है जिन्होंने संघर्ष किया, असफल हुए और तेजी से सफलता, ख़ुशी और संतोष पाने के लिए आगे बढ़ते गए. वे अन्य लोगों की ही तरह साधारण परिवार से ही थे, लेकिन अपने जीवन के उद्देश को पूरा करने के लिए उनके पास बहुत सारे सपने और और उन्हें पूरा करने की दृष्टी थी. उनके पास जो भी था उन सभी से उन्हें सिखने की तीव्र इच्छा रहती थी. अपने जीवन में कई बार उतार चढाव का सामना करते हुए, समय ने उन्हें जीवन का सही मतलब समझाया.
Sandeep Maheshwari quotes in hindi
तो आइये रोचक सफर में बताते हैं आपको Sandeep Maheshwari की सफलता की कहानी जो उन्होंने खुद अपने कुछ सेमिनार के माध्यम से बताई है….
Image Source : youtube
- संदीप माहेश्वरी का जन्म 28 सितम्बर साल 1980 को दिल्ली में हुआ था. उन्हें बचपन से ही ऐसा लगता कि वो जीवन में बहुत कुछ कर सकते है लेकिन उनकी सफलता की सीढ़ी इतनी आसान नही थी.
- संदीप जब 10वीं कक्षा में थे तब उनके पिता का व्यापार ठप हो गया जिससे उनके पिताजी खुद काफी निराश हो गये थे.
- संदीप के पिता का एल्युमीनियम का व्यापार था जिसकी शुरुआत उन्होंने 70 के दशक में एक पार्टनर के साथ की थी जो शुरुआत में बहुत अच्छा चला था लेकिन 80 के दशक के अंत तक आते आते किन्ही कारणों की वजह से बंद हो गया था.
- अब पिता का व्यापार ठप हो जाने की वजह से संदीप के परिवार की आर्थिक स्थिथि कमजोर हो गयी थी. उनके पिता सहित पूरा परिवार तनाव में आ गया था.
- ऐसी मुश्किल घड़ी में संदीप के परिवार में टूटने की बजाय खुद को मजबूत किया. संदीप ने खुद अपने परिवार को इस मुश्किल घड़ी में हिम्मत से काम लेने को कहा था जो उस वक़्त तक केवल 14–15 साल के थे.
- परिवार की सारी आर्थिक जिम्मेदारियां संदीप पर आ गईं जब वे मात्र 19 वर्ष के थे. वे अपने परिवार के लिए करना तो बहुत चाहते थे लेकिन उनके पास कुछ ऐसा नहीं था जिससे वो अपने परिवार की आर्थिक स्तिथि को मजबूत बनाने में सहयोग कर सके.
- संदीप की माँ ने खजूर के पान बनाने का काम शुरु कर दिया और संदीप उन खजूर के पानों को बेचा करते थे. इसके लिए उन्होंने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्चे बनवाए कि खजूर के पान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है. हालांकि उन्होंने इस काम में अपने परिवार के साथ खूब मेहनत की थी लेकिन वो ज्यादा नहीं चल पाया और आखिर में बंद हो गया.
- उन्होंने STD, PCO की दूकान खोली. 90 के दशक में मोबाइल की शुरुआत नहीं हुयी थी इसलिए STD की दूकान का अच्छा काम था. इस दूकान पर वैसे तो उनकी माँ बैठती थीं लेकिन कभी-कभी स्कूल से आने पर वो खुद भी बैठते थे.
- STD की दूकान पर संदीप का अनुभव भी बहुत खराब रहा क्योंकि चंद पैसों के लिए ग्राहक उनकी माँ से लड़ते रहते थे. तब उनको ऐसा लगने लग गया कि जिसके पास पैसा है वो ही भगवान है बाकि सब व्यर्थ है.
- अब उस समय संदीप का यही मानना था कि अगर कहीं से पैसा आ जाए तो जीवन में ना कुछ करना है और ना कुछ चाहिये.
- कुछ दिनों बाद उनकी STD की दूकान भी आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गयी और वो नौकरी की तलाश करने लगे गये लेकिन कहीं से कोई आस नजर नहीं आ रही थी. अब वो निराश हो गये थे.
- संदीप माहेश्वरी के जीवन में उस समय एक नया मोड़ आया जब उन्होंने एक MLM के सेमिनार में हिस्सा लिया. उस समय उनकी उम्र केवल 18 साल थी लेकिन उस समय सेमिनार में उन्हें कुछ समझ नही आया था.
- Read more: Amrapali Dubey
- उस सेमिनार में उन्होंने जो भी सुना सब उनके उपर से निकल गया था. उस समय कोई उनकी ही तरह 21 साल का लड़का सेमिनार दे रहा था. उनको पुरे सेमिनार में तो कुछ समझ में नहीं आया लेकिन सेमिनार के अंत में जो उसने बात कही वो उनके दिल को छू गये.
- उसने कहा था “मेरी उम्र 21 साल है और मैं महीने का ढाई लाख कमा रहा हुं”. उस लडके ने चेक भी सबको दिखाया तो उसे देखकर संदीप के होश उड़ गये.
- संदीप ने उस समय तक केवल ये सोच रखा था कि 10-15 हजार हर महीना कमाने में भी लोगों को कई साल लग जाते है और ये लड़का केवल 21 साल की उम्र में इतने पैसे कैसे कमा रहा है.
- तब से संदीप ने सोच लिया कि “अगर ये लड़का ऐसा कर सकता है तो मै ऐसा क्यों नही कर सकता हुं”. उस वक़्त उनके जहन में “आसान है” शब्द आया जो उनकी सभी प्रेरणादायी स्पीच का थीम है.
- इसी शब्द ने उनके मन में नई ऊर्जा भर दी. अब उस समय वो अपने सभी दोस्तों को बोलने लग गये थे कि ”पैसा कमाना बहुत आसान है और कुछ दिनों में मै भी लाखों रूपये गिनुंगा”. उनकी बात सुनकर सब उन्हें पागल कहते थे.
- जब संदीप जी ने उस लडके की तरह काम करने की ठान ली तब उन्होंने भी वैसा ही काम करने का विचार किया जैसा कि वो लड़का कर रहा था क्योंकि उस समय तक उनके अंदर की आवाज उनको उसके सिवा कुछ नहीं बोल रही थी.
- अब वो अपने कुछ दोस्तों को साथ लेकर उसी लड़के की कम्पनी में गये लेकिन किसी ने भी उस कंपनी को ज्वाइन नहीं किया.
- अब उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाने लगे थे कि “कितनी बड़ी बातें हांक रहा था और एक ही झटके में फूस हो गया.”
- यहां पर उन्हें अपने जीवन की पहली असफलता हाथ लगी थी जिसके दो ही कारण वो खुद मानते है. पहला उन्होंने अंदर की आवाज नहीं सूनी और दुसरी वो शेयरिंग में विश्वास नहीं करते थे.
- sandeep maheshwari speech में बताया था कि “सफलता हमेशा बुरे अनुभवों से आती है”. यहां पर अपनी असफलता से वो उदास नहीं हुए.
- इसके बाद एक बार फिर उन्होंने अपने अंदर की आवाज नहीं सुनी. इस बार उनके दोस्तों और परिवार के कुछ लोगों ने मजाक मजाक में उनको चिढ़ा दिया कि “तू तो हीरो लगता है”.
- अब इतने लोगो की बात सुनकर उनको खुद को भी ऐसा ही लगने लगा इसलिए वो मॉडल बनने के लिए निकल पड़े. उन्होंने तुरंत कॉलेज से ड्रॉप आउट किया और अपनी असली रूचि और जोश को हासिल करने में जुट गए.
- संदीप की रूचि मॉडलिंग और फ़ोटोग्राफ़ी में थी. 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की .
- जब वो किसी ऑडिशन में गये तो उन्होंने देखा कि उनके जैसे हजारों मॉडल लाइन में खड़े हुए हैं तब उनको एहसास हुआ कि हर जगह होड़ मची हुयी है. इसके बावजूद उन्होंने कुछ म्यूजिक वीडियोज़ भी किये थे लेकिन वो उनके अंदर की आवाज नहीं थी.
- अब मॉडलिंग करते हुए उनका एक मित्र उनके पास कुछ फोटोग्राफ लेकर आया. उन फोटोग्राफ को देखकर पहली बार उनके अंदर की आवाज आयी कि “मुझे फोटोग्राफी सीखनी है और मुझे फोटोग्राफर बनना है”.
- इसके बाद उन्होंने 2 सप्ताह का फोटोग्राफी का कोर्स ज्वाइन कर लिया. इसके बाद उन्होंने 12,000 रूपये का एक कैमरा खरीद लिया. उसके बाद वो अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की मुफ्त में फोटो खींचना शूरू कर दिया.
- अब वो एक ठीक-ठाक फोटो ग्राफर तो बन गये थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके जैसे लाखों फोटोग्राफर देश में धक्के खा रहे है तो वो ऐसा क्या काम करें जिससे वो इन सब फोटो ग्राफर से अलग हो.
- अब उनकी असफलता उनकी सफलता बनकर सामने आयी. उनको मॉडलिंग में जो असफलता मिली थी उससे उनको अनुभव हो गया था कि देश में 90 प्रतिशत मॉडलिंग एजेंसीज फ्रॉड है और केवल 10 प्रतिशत कम्पनीज ही सही है.
- अब वो इन 10 कंपनियों का प्रचार करने लगे गये जो बात लोगो को काफी पसंद आयी. अब उन्होंने अख़बार में एक विज्ञापन निकाला “फ्री पोर्टफोलियो”. अब उनके यहाँ पर लाइन लग गयी.
- उन्होंने सभी लोगों को सच बताते हुए कहा कि “अगर आप खुद रोल लेकर आएं तो खर्चा 3000 रूपये तक आ जाएगा लेकिन मुझे होलसेल में सस्ता रोल मिल जाता है जिससे आपकी कीमत आधी हो जायगी, अब आप अपनी पसंद चुन लीजिये”.
- उस समय लोगों को कोई आपति नहीं हुयी क्योंकि उनके तो वैसे भी पैसे बच रहे थे. अब उन्होंने अख़बार में जो 4800 रूपये का जो विज्ञापन दिया था जिसके कारण 7-8 लोगो ने उनसे पोर्टफोलियो बनवाया जिनसे उन्हें अपने जीवन की पहली कमाई 10-15000 रूपये मिली थी.
- इसके बाद उनका फोटोग्राफी का बिज़नस चल पड़ा था और वो आसानी से 20-25 हजार कमाने लग गये थे. अब उनको वापस उसी लडके की याद आयी जो 21 साल में करोड़पति बन गया था.
- फिर संदीप ने सोचा कि ऐसे तो जिन्दगी भर करोड़पति नही बना जा सकता है. उसके लिए कुछ नया करना पड़ेगा.
- जब उन्होंने कुछ नया करने का विचार किया तब सोचा कि “क्यों ना फोटोग्राफी में कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए”. फिर उन्होंने इसके लिए Limca Book Of World Records के अधिकारियों से बात की तो उनको एक बार तो मजाक लगा क्योंकि उस वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनको 12 घंटे में 100 मॉडल्स के 10,000 फोटो खींचनी थी.
- संदीप जी ने अपनी असफलताओं से ठान लिया था कि कोई भी काम मुश्किल नही है बस काम करने का जज्बा होना चाहिए.
- अब उन्होंने काफी परेशानियों के साथ मॉडल्स का इतंजाम किया जिसके लिए उनके खूब पैसे लगे थे लेकिन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से उनको कोई नही रोक सका. केवल 22 साल में ये रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम कर लिया.
- वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद उनको काफी शोहरत मिलने लगी जिसके कारण उनके पास मॉडल्स और विज्ञापन कंपनियों की लाइन लग गयी.
- कुछ ही समय में उनकी कम्पनी ना केवल दिल्ली बल्कि भारत की बड़ी एजेंसी बन गये. अब उनके पास पैसों की बरसात होने लगी थी.
- इसके बाद साल 2006 में उनके दिमाग में ImagesBazaar का आईडिया आया था जो आज देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन इमेजेज की कम्पनी है जिससे वो हर साल करोड़ों रूपये कमाते है.
- इसके बाद संदीप ने ImagesBazaar के साथ लाइफ चेंजिंग सेमिनार देकर देश के लाखों युवाओ को प्रेरित किया क्योंकि वो शेयरिंग में विश्वास रखते है.
- आज वे जगह जगह motivational seminar करते हैं और लाखों लोगों को अपने सपने साकार करने की प्रेरणा देते हैं.
- संदीप अपने यूट्यूब चैनल के जरिये अपने सेमिनारों की वीडियो इंटरनेट पर सभी से शेयर करते हैं. हैरानी की बात तो ये है की वे सभी सेमिनार मुफ्त में करते है और एक पैसा भी नहीं लेते. किसी से उनका एकमात्र मकसद लोगों की भलाई करना है.
- संदीप अक्सर कहते हैं “Aasaan Hai” और लोगों का मनोबल बढ़ाते हैं. संदीप को उनके सफल बिज़नेस और प्रेरणादायक सेमिनारों के लिये अनेक पुरस्कार मिले हैं और पूरे विश्व में उन्हें काफी लोकप्रियता और सम्मान मिला है.
Read more: Yuvraj singh biography