Gita Gopinath Biography in Hindi- भारत में महिलाओं को अपने मान-सम्मान के लिए बहुत सी लड़ाई लड़नी होती है लेकिन अगर कोई महिला अपनी जिद पर आ जाए तो गीता गोपीनाथ जैसी सफलता हासिल कर लेती हैं. गीता गोपीनाथ एक अमेरिकन अर्थशास्त्री है जो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में चीफ इकोनॉमिस्ट के तौर पर चयनित हैं. गीता का जन्म और पालन-पोषण भारत में हुआ है और दिल्ली के कॉलेज से ही इन्होंने अपनी पढ़ाई की है. हालांकि अब Gita Gopinath अमेरिकन नागरिक हो गई हैं और साल 2018 में इन्होंने मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह यह जिम्मेदारी संभाली थी. तो चलिए आपको गीता गोपीनाथ के बारे में बताते हैं. Kaun hain Gita Gopinath या उनका यह करियर कैसे बना?
गीता गोपीनाथ का प्रारंभिक जीवन | Gita Gopinath Biography in Hindi
8 दिसंबर, 1971 को गीता गोपीनाथ का जन्म केरल के कुन्नुर में हुआ था. गीता से बड़ी दो बहनें हैं और यह सबसे छोटी होने के कारण घर में सबकी लाडली भी हैं. इनकी शुरुआती पढ़ाई मैसूर से हुई और दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन से इन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. मगर मास्टर्स की डिग्री के लिए यह वॉशिंगटन गईं. इसके बाद इन्होंने अर्थशास्त्र विषय से Ph.D भी की. वर्तमान में गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज की प्रोफेसर बन गईं. लेगार्ड ने गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) की नियुक्ति करते हुए, ‘गीता दुनिया के कुछ अर्थशास्त्रियों में से एक हैं जिन्हें असाधारण शैक्षिक उपलब्धता प्राप्त है. उनके ट्रैक रिकॉर्ड ने भी उनकी योग्यता को साबित किया और माना.’
गीता गोपीनाथ का करियर | Gita Gopinath Career
साल 2001 में गीता गोपीनाथ की नियुक्ति शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए की गई. फिर साल 2005 में गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहुंची और साल 2010 में यहां गीता जी फुल टाइम प्रोफेसर बनीं. Gita Gopinath अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू की को-एडीटर भी हैं, इसके साथ ही वह नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (NBER) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड माइक्रो-इकोनॉमिक्स प्रोग्राम की भी को-डायरेक्टर बनीं. IMF के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इन्होंने इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की हैंडबुक भी लिखी. IMF के जिस विभाग में गीता डायरेक्टर बनी हैं उसमें उनका रोल काफी अहम है और इसके रिसर्च डिपार्टमेंट में दुनियाभर के रिसर्च होते हैं. इसके साथ ही उन मुद्दों पर भी रिसर्च होता है जो IMF के लिए जरूरी होते हैं.
गीता रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के बाद दूसरी भारतीय हैं जिन्हें इस विभाग में यह जिम्मेदारी दी गई है. गीता गोपीनाथ ने इंटरनेशनल वित्तीय संकट, कर्ज, बाजार की समस्याओं, व्यापार में निवेश जैसे करीब 40 रिसर्च लेख लिखने की उपलब्धि प्राप्त है. गीता भारत के राज्य केरल के मुख्यमंत्री की इकोनॉमी एडवाइजर के तौर पर भी काम करती हैं.
यह भी पढ़ें- नेहरू के खिलाफ जाकर शादी करने वाली इंदिरा गांधी कैसे बनी प्रधानमंत्री!
Gita Gopinath Biography in Hindi- भारत में महिलाओं को अपने मान-सम्मान के लिए बहुत सी लड़ाई लड़नी होती है लेकिन अगर कोई महिला अपनी जिद पर आ जाए तो गीता गोपीनाथ जैसी सफलता हासिल कर लेती हैं. गीता गोपीनाथ एक अमेरिकन अर्थशास्त्री है जो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में चीफ इकोनॉमिस्ट के तौर पर चयनित हैं. गीता का जन्म और पालन-पोषण भारत में हुआ है और दिल्ली के कॉलेज से ही इन्होंने अपनी पढ़ाई की है. हालांकि अब Gita Gopinath अमेरिकन नागरिक हो गई हैं और साल 2018 में इन्होंने मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह यह जिम्मेदारी संभाली थी. तो चलिए आपको गीता गोपीनाथ के बारे में बताते हैं. Kaun hain Gita Gopinath या उनका यह करियर कैसे बना?
गीता गोपीनाथ का प्रारंभिक जीवन | Gita Gopinath Biography in Hindi
8 दिसंबर, 1971 को गीता गोपीनाथ का जन्म केरल के कुन्नुर में हुआ था. गीता से बड़ी दो बहनें हैं और यह सबसे छोटी होने के कारण घर में सबकी लाडली भी हैं. इनकी शुरुआती पढ़ाई मैसूर से हुई और दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन से इन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. मगर मास्टर्स की डिग्री के लिए यह वॉशिंगटन गईं. इसके बाद इन्होंने अर्थशास्त्र विषय से Ph.D भी की. वर्तमान में गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज की प्रोफेसर बन गईं. लेगार्ड ने गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) की नियुक्ति करते हुए, ‘गीता दुनिया के कुछ अर्थशास्त्रियों में से एक हैं जिन्हें असाधारण शैक्षिक उपलब्धता प्राप्त है. उनके ट्रैक रिकॉर्ड ने भी उनकी योग्यता को साबित किया और माना.’
गीता गोपीनाथ का करियर | Gita Gopinath Career
साल 2001 में गीता गोपीनाथ की नियुक्ति शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए की गई. फिर साल 2005 में गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहुंची और साल 2010 में यहां गीता जी फुल टाइम प्रोफेसर बनीं. Gita Gopinath अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू की को-एडीटर भी हैं, इसके साथ ही वह नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (NBER) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड माइक्रो-इकोनॉमिक्स प्रोग्राम की भी को-डायरेक्टर बनीं. IMF के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इन्होंने इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की हैंडबुक भी लिखी. IMF के जिस विभाग में गीता डायरेक्टर बनी हैं उसमें उनका रोल काफी अहम है और इसके रिसर्च डिपार्टमेंट में दुनियाभर के रिसर्च होते हैं. इसके साथ ही उन मुद्दों पर भी रिसर्च होता है जो IMF के लिए जरूरी होते हैं.
गीता रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के बाद दूसरी भारतीय हैं जिन्हें इस विभाग में यह जिम्मेदारी दी गई है. गीता गोपीनाथ ने इंटरनेशनल वित्तीय संकट, कर्ज, बाजार की समस्याओं, व्यापार में निवेश जैसे करीब 40 रिसर्च लेख लिखने की उपलब्धि प्राप्त है. गीता भारत के राज्य केरल के मुख्यमंत्री की इकोनॉमी एडवाइजर के तौर पर भी काम करती हैं.
यह भी पढ़ें- नेहरू के खिलाफ जाकर शादी करने वाली इंदिरा गांधी कैसे बनी प्रधानमंत्री!