प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने निजीकरण पर एक Webinar on Privatization में बताया कि बजट 2021-22 में भारत को वृद्धि की राह पर जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई है. वेबिनार में पीएम ने समझाने की कोशिश की है कि देश के लिए निजीकरण करने की असल वजह क्या है. पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज से सरकार और देश को क्या नुकसान हैं? सरकार इस निजीकरण को बढ़ावा क्यों दे रहा है इसके बारे में जानें.
क्यों दिया जा रहा निजीकरण को बढ़ावा? | PM Narendra Modi Privatization
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के समय में ना ये जरूरी है और ना ही ये संभव रहा है. सरकार जब व्यापार करती है तो बहुत नुकसान होते हैं. निर्णय लेने में सरकार के सामने कई बंधन होते हैं, सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है. सभी को आरोपों का या कोर्ट का डर रहता है. इस वजह से लोगों की सोच बनी रहती है जो चल रहा है उसे चने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं किया जा सकता है. वेबिनार में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के लिए बजट में घोषणाओं पर बात की. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार व्यापार में रहने का कोई काम नहीं होता है. सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियाजनाओं पर ही रहना चाहिए जो सही भी है.
#WATCH | Government’s every decision related to asset monetisation and privatisation will help empower citizens of the country: PM Narendra Modi pic.twitter.com/twX5pZcOJa
— ANI (@ANI) February 24, 2021
पीएम ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं, कई लोगों की करदाताओं के लिए पैसे से मदद की जा रही है. सार्वजनिक इकाइयों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए. पीएम ने आगे बताया कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तयां हैं, इसका पूरा उपयोग नहीं हुआ और वे बेकार पड़ी हैं. 100 परिसंपत्तियों को बाजार चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए और उन्होंने कहा कि सरकार मौद्रिकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है, निजी क्षेत्र में दक्षता आती है, रोजगार भी मिलता है. निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनचा के लए खर्च किया जाएगा.
PSU निजीकरण नीति पर पीएम मोदी ने कहा कि सरकार 4 रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर दूसरे सभी क्षेत्रों के सार्जनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है. रणनीतिक महत्व वाले 4 क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम स्तर पर रखा जाएगा. बजट 2021-22 पर पीएम ने कहा, ‘इस बजट ने एक बार पिर से भारत को तेज गति से विकास की दिशा में ले जाने के लिए साफतौर रोडमैप सामने रखा. बजट में भारत के विकास में प्राइवेट सेक्टर की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के मौके और लक्ष्यों को साफतौर पर सामने रखा गया.’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने निजीकरण पर एक Webinar on Privatization में बताया कि बजट 2021-22 में भारत को वृद्धि की राह पर जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई है. वेबिनार में पीएम ने समझाने की कोशिश की है कि देश के लिए निजीकरण करने की असल वजह क्या है. पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज से सरकार और देश को क्या नुकसान हैं? सरकार इस निजीकरण को बढ़ावा क्यों दे रहा है इसके बारे में जानें.
क्यों दिया जा रहा निजीकरण को बढ़ावा? | PM Narendra Modi Privatization
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के समय में ना ये जरूरी है और ना ही ये संभव रहा है. सरकार जब व्यापार करती है तो बहुत नुकसान होते हैं. निर्णय लेने में सरकार के सामने कई बंधन होते हैं, सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है. सभी को आरोपों का या कोर्ट का डर रहता है. इस वजह से लोगों की सोच बनी रहती है जो चल रहा है उसे चने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं किया जा सकता है. वेबिनार में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के लिए बजट में घोषणाओं पर बात की. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार व्यापार में रहने का कोई काम नहीं होता है. सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियाजनाओं पर ही रहना चाहिए जो सही भी है.
#WATCH | Government’s every decision related to asset monetisation and privatisation will help empower citizens of the country: PM Narendra Modi pic.twitter.com/twX5pZcOJa
— ANI (@ANI) February 24, 2021
पीएम ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं, कई लोगों की करदाताओं के लिए पैसे से मदद की जा रही है. सार्वजनिक इकाइयों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए. पीएम ने आगे बताया कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तयां हैं, इसका पूरा उपयोग नहीं हुआ और वे बेकार पड़ी हैं. 100 परिसंपत्तियों को बाजार चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए और उन्होंने कहा कि सरकार मौद्रिकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है, निजी क्षेत्र में दक्षता आती है, रोजगार भी मिलता है. निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनचा के लए खर्च किया जाएगा.
PSU निजीकरण नीति पर पीएम मोदी ने कहा कि सरकार 4 रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर दूसरे सभी क्षेत्रों के सार्जनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है. रणनीतिक महत्व वाले 4 क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम स्तर पर रखा जाएगा. बजट 2021-22 पर पीएम ने कहा, ‘इस बजट ने एक बार पिर से भारत को तेज गति से विकास की दिशा में ले जाने के लिए साफतौर रोडमैप सामने रखा. बजट में भारत के विकास में प्राइवेट सेक्टर की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के मौके और लक्ष्यों को साफतौर पर सामने रखा गया.’
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