Sushant Singh Rajput सुसाइड केस में महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार के बाद केंद्र सरकार ने इस केस को CBI को सौंप दिया है। सुशांत मामले में उनके करोड़ों फैंस CBI जांच की मांग कर रहे थे। ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल था कि आखिर सीबीआई काम कैसे करती है? या फिर CBI टीम से CID कितनी अलग है और ये दोनों किस स्तर पर काम करती है? यहां हम आपको CBI और CID में अंतर बताएंगे जो आपको पता होनी चाहिए।
CBI और CID में क्या होता है अंतर ? | What is difference between CID and CBI?
CID और CBI में अंतर ज्यादा नहीं होता है लेकिन सामान्य तौर पर ये दो अलग-अलग जांच एजेंसियां है। इनके जांच का क्षेत्र भी अलग-अलग ही होता है। जहां CID एक प्रदेश के अन्दर घटित होने वाली घटनाओं की जांच करती है जिसे राज्य सरकार के आदेश पर काम करना होता है। वहीँ CBI पूरे देश में होने वाली अलग-अलग घटनाओं की जांच का काम करती है। इसको आदेश देने का अधिकार केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के पास होता है। CBI और CID में अंतर इस तरह भी आप समझ सकते हैं…
क्या है CID (Crime Investigation Department)?
सीआईडी
CID का फुल फॉर्म Criminal Investigation Department होता है जो एक प्रदेश में अपराध जांच विभाग के रूप में जानी जाती है। CID एक प्रदेश में पुलिस का जांच और खुफिया विभाग होता है जिसको हत्या, दंगा, अपहरण, चोरी जैसे क्राइम की जांच सौंपी जाती है। CID की स्थापना, पुलिस आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश सरकार ने साल 1902 में की थी। पुलिस कर्मचारियों को इसमें शामिल करने से पहले विशेष प्रशिक्षण से गुजरना होता है। इस संस्था को जांच की जिम्मेदारी सम्बंधित राज्य सरकार और कभी-कभी उस राज्य के उच्च न्यायलय द्वारा दी जाती है। इन्हें राज्य सरकार वो सभी अधिकार देती है जिससे केस जल्द से जल्द सॉल्व हो सके, इनकी जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
क्या है CBI (Central Bureau of Investigation)?
सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों को संभालती है। इसमें हत्या, घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों लिस्ट शामिल है और ये भारत सरकार की तरफ से जांच करती है। CBI एजेंसी की स्थापना की भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए गठित “संथानम समिति” की सिफारिस के आधार पर साल 1963 में गृह मंत्रालय के अंतर्गत हुई थी लेकिन बाद में इसे कार्मिक मंत्रलाय के अंतर्गत स्थानांतरित कर दिया गया था और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है साल 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम ने CBI को जांच की शक्तियां प्रदान की हैं। भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश CBI को देती है. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में हुए अपराधिक मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं।
ये हैं मुख्यतौर पर CID और CBI में अंतर
1. CID के ऑपरेशन का क्षेत्र छोटा (केवल एक प्रदेश) है, जबकि CBI के ऑपरेशन का क्षेत्र बड़ा (पूरा देश और विदेश) है।
2. CID के पास जो भी मामले आते हैं उन्हें राज्य सरकार और हाई कोर्ट द्वारा सौंपा जाता है जबकि CBI को मामले केन्द्र सरकार, हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सौंपे जाते हैं।
3. CID राज्यों में होने वाले आपराधिक मामलों जैसे दंगा, हत्या, अपहरण, चोरी और हमले के मामलों सहित राज्य में अन्य आपराधिक मामलों की जांच करता है जबकि CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के घोटालों, धोखाधड़ी, हत्या, संस्थागत घोटालों, जैसे मामलों की देश और विदेश में जांच करती है।
4. यदि किसी व्यक्ति को CID में शामिल होना है तो उसे राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली पुलिस परीक्षा पास करने के बाद अपराध-विज्ञान की परीक्षा पास करनी होती है जबकि CBI में शामिल होने के लिए SSC बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा।
5. CID की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में की गयी थी जबकि CBI की स्थापना 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में की गयी थी।
नोट :उम्मीद है आपको अब CBI और CID में अंतर क्लियर हो गया होगा। अब इन जांच विभाग के बीच आपके मन में कोई दुविधा नहीं रही होगी। अगर आपको किसी और विभाग के बारे में जानना है तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स या मेल के जरिए बताइए। हम आपके लिए रिसर्च के आधार पर लेख लिखते हैं, जिससे किसी को कोई संदेह नहीं रहे। अगर आपको ये पसंद आया हो तो शेयर जरूर करें, धन्यवाद।।
यह भी पढ़ें- बाबरी मस्जिद से राम मंदिर निर्माण तक की पूरी कहानी, ये है 400 साल पुराना इतिहास
Sushant Singh Rajput सुसाइड केस में महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार के बाद केंद्र सरकार ने इस केस को CBI को सौंप दिया है। सुशांत मामले में उनके करोड़ों फैंस CBI जांच की मांग कर रहे थे। ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल था कि आखिर सीबीआई काम कैसे करती है? या फिर CBI टीम से CID कितनी अलग है और ये दोनों किस स्तर पर काम करती है? यहां हम आपको CBI और CID में अंतर बताएंगे जो आपको पता होनी चाहिए।
CBI और CID में क्या होता है अंतर ? | What is difference between CID and CBI?
CID और CBI में अंतर ज्यादा नहीं होता है लेकिन सामान्य तौर पर ये दो अलग-अलग जांच एजेंसियां है। इनके जांच का क्षेत्र भी अलग-अलग ही होता है। जहां CID एक प्रदेश के अन्दर घटित होने वाली घटनाओं की जांच करती है जिसे राज्य सरकार के आदेश पर काम करना होता है। वहीँ CBI पूरे देश में होने वाली अलग-अलग घटनाओं की जांच का काम करती है। इसको आदेश देने का अधिकार केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के पास होता है। CBI और CID में अंतर इस तरह भी आप समझ सकते हैं…
क्या है CID (Crime Investigation Department)?
सीआईडी
CID का फुल फॉर्म Criminal Investigation Department होता है जो एक प्रदेश में अपराध जांच विभाग के रूप में जानी जाती है। CID एक प्रदेश में पुलिस का जांच और खुफिया विभाग होता है जिसको हत्या, दंगा, अपहरण, चोरी जैसे क्राइम की जांच सौंपी जाती है। CID की स्थापना, पुलिस आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश सरकार ने साल 1902 में की थी। पुलिस कर्मचारियों को इसमें शामिल करने से पहले विशेष प्रशिक्षण से गुजरना होता है। इस संस्था को जांच की जिम्मेदारी सम्बंधित राज्य सरकार और कभी-कभी उस राज्य के उच्च न्यायलय द्वारा दी जाती है। इन्हें राज्य सरकार वो सभी अधिकार देती है जिससे केस जल्द से जल्द सॉल्व हो सके, इनकी जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
क्या है CBI (Central Bureau of Investigation)?
सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों को संभालती है। इसमें हत्या, घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों लिस्ट शामिल है और ये भारत सरकार की तरफ से जांच करती है। CBI एजेंसी की स्थापना की भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए गठित “संथानम समिति” की सिफारिस के आधार पर साल 1963 में गृह मंत्रालय के अंतर्गत हुई थी लेकिन बाद में इसे कार्मिक मंत्रलाय के अंतर्गत स्थानांतरित कर दिया गया था और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है साल 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम ने CBI को जांच की शक्तियां प्रदान की हैं। भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश CBI को देती है. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में हुए अपराधिक मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं।
ये हैं मुख्यतौर पर CID और CBI में अंतर
1. CID के ऑपरेशन का क्षेत्र छोटा (केवल एक प्रदेश) है, जबकि CBI के ऑपरेशन का क्षेत्र बड़ा (पूरा देश और विदेश) है।
2. CID के पास जो भी मामले आते हैं उन्हें राज्य सरकार और हाई कोर्ट द्वारा सौंपा जाता है जबकि CBI को मामले केन्द्र सरकार, हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सौंपे जाते हैं।
3. CID राज्यों में होने वाले आपराधिक मामलों जैसे दंगा, हत्या, अपहरण, चोरी और हमले के मामलों सहित राज्य में अन्य आपराधिक मामलों की जांच करता है जबकि CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के घोटालों, धोखाधड़ी, हत्या, संस्थागत घोटालों, जैसे मामलों की देश और विदेश में जांच करती है।
4. यदि किसी व्यक्ति को CID में शामिल होना है तो उसे राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली पुलिस परीक्षा पास करने के बाद अपराध-विज्ञान की परीक्षा पास करनी होती है जबकि CBI में शामिल होने के लिए SSC बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा।
5. CID की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में की गयी थी जबकि CBI की स्थापना 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में की गयी थी।
नोट :उम्मीद है आपको अब CBI और CID में अंतर क्लियर हो गया होगा। अब इन जांच विभाग के बीच आपके मन में कोई दुविधा नहीं रही होगी। अगर आपको किसी और विभाग के बारे में जानना है तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स या मेल के जरिए बताइए। हम आपके लिए रिसर्च के आधार पर लेख लिखते हैं, जिससे किसी को कोई संदेह नहीं रहे। अगर आपको ये पसंद आया हो तो शेयर जरूर करें, धन्यवाद।।
यह भी पढ़ें- बाबरी मस्जिद से राम मंदिर निर्माण तक की पूरी कहानी, ये है 400 साल पुराना इतिहास