Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी पर जानें कैसे होगी मां सरस्वती की कृपा?

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16 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार है और इस दिन से ही बसंत ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है. इस दिन देवी मां सरस्वती की अराधना करते हैं. पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं, बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. इस दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की पूजा और अराधना करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. Basant Panchami 2021 की पूजा का सही क्रम और मुहूर्त आपको जानना चाहिए.

बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त | Basant Panchami 2021

शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नयी कला की शुरुआत करने के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन बहुत से लोग गृह प्रवेश भी करवाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते है जिससे उनका वैवाहिक जीवन अच्छे से व्यतीत हो. इस बार बसंत पंचमी के दिन योग और अमृत सिद्धि योग का विशेष संयोग बना है. पूरे दिन रवि योग रहने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. इसलिए मां सरस्वती की पूजा सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक की जा सकती है, यही पूजा का शुभ मुहूर्त बताया गया है.

कैसे करें मां सरस्वती की पूजा?

Basant Panchami 2021 में मां सरस्वती की पूजा करने के लिए पहले आपको खुद को तैयार करना होता है. पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा की तैयारी करें. मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित कर दें, इसके साथ ही रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा सहित चीजों को पूजा के स्थान पर रख दें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना अच्छा होता है. हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करना चाहिए. शिक्षा में अगर बाधा आ रही है तो इस दिन विशेष पूजा करके आप इसमें ठीक कर सकते हैं. माता सरस्वती को विद्या की देवी कहते हैं इसलिए इस दिन आपको मां सरस्वती की पूजा करने के पश्चात अपनी विद्या और बुद्धि बढ़ाने की प्रार्थना करनी चाहिए.

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