धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था और कलयुग में उनकी उपस्थिति हमें कई बार सुनने को मिलती है। कई बार हमने न्यूज में या किसी ना किसी जगह ये सुना है कि यहां हनुमान जी को उनके भक्त महसूस करते हैं और इस बात में सच्चाई भी है। वैसे तो हनुमान जी के मंदिर दूसरे देशों में भी स्थापित हैं, जहां रहने वाले हिंदू उनकी पूजा करते हैं और भारत में भी उनके अनगिनत मंदिर हैं लेकिन हम आपको Hanuman Temple in India बताएंगे जो चमत्कारिक हैं।
हनुमान जी के 5 चमत्कारिक मंदिर | Hanuman Temple in India
जो भी इंसान हनुमान जी की पूजा पूरे मन से करता है उनके सभी दुख और परेशानियां मिट जाती हैं। हनुमान जी पर हिंदू धर्म में हर किसी की आस्था होती है और उन्हें वे महसूस भी कर सकते हैं। हम यहां उनके कुछ ऐसे प्राचीन मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां हर साल लाखों भक्त अपने संकटों से मुक्त होने संकट मोचन के पास आते हैं।
हनुमान मंदिर, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
प्रयागराज हनुमान मंदिर
प्रयागराज किले के पास हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक प्राचीन मंदिर है। ये संपूर्ण भारत का केवल एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई मुद्रा में स्थापित है। ये मूर्ति करीब 20 फीट लंबी है। जब वर्षों के दिनों में बाढ़ आती है और ये सारा स्थान जलमग्न हो जाता है तब हनुमान जी की इस मूर्ति को सुरक्षित जगह रख दिया जाता है। उपयुक्त समय में इस प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित कर दिया जाता है।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
हनुमानगढ़ी मंदिर
अयोध्या में सबसे प्रमुख मंदिरों में श्रीहनुमानगढ़ी मंदिर भी है। ये मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है जहां 60 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद बजरंगबली का दर्शन किया जा सकता है। ये मंदिर काफी बड़ा है और मंदिर के चारों ओर रहने के लिए कुछ स्थान भी बने हैं, जहां साधु-संत रहते हैं। इस मंदिर की स्थापना 300 वर्ष पूर्व स्वामी अभयारामदासजी ने किया था और हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नाम का स्थान भी है।
सालासर हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान)
सारासर हनुमान मंदिर
राजस्थान के चूरू जिले में एक प्राचीन हनुमान मंदिर स्थित है। इस गांव का नाम सालासर है इसलिए इस मंदिर को सालासर वाले बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है और ये मंदिर बहुत बड़ा है। चारों ओर यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएं बनी हैं, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। इस मंदिर के संस्थापक श्री मोहनदासजी बचपन से ही हनुमान जी के अराध्य रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की ये प्रतिमा एक किसान को जमीन में खेत जोतते समय मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया। यहां हर साल भाद्रपद, आश्विन, चैत्र एवं वैशाख की पूर्णिमा के दिन मेला भी लगता है।
हनुमान धारा, चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)
हनुमान घारा मंदिर
यूपी के सीतापुर नाम के स्थन पर ये मंदिर स्थापित है। सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी तीन मील है। ये स्थान पर्वतमाला के मध्यभाग में स्थित है और पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के ठीक सिर पर दो जल कुंड हैं जो हमेशा जल से भरे रहते हैं। इस धारा का जल हनुमान जी को स्पर्श करता हुआ जाता है इसलिए मंदिर का नाम हनुमान धारा है। इस धारा का जल पहाड़ में विलीन हो जाता है और लोग प्रभाती नदी या पातालगंगा भी इस जल को कहते हैं। इस स्थान के बारे में ऐसी मान्यता है कि श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमान जी ने श्रीराम से कहा-हे भगवान, मुझे कोई ऐसा स्थान बताइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न मेरे शरीर का ताप मिट सके तब प्रभु श्रीराम ने इसी स्थान के बारे में बताया था।
बालाजी हनुमान मंदिर, मेहंदीपुर(राजस्थान)
मेहंदीपुर बालाजी, मंदिर
राजस्थान के दौसा जिले में दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर नाम का स्थान है। ये मंदिर जयपुर-बांदीकुई-बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है। दो पहाड़ियों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इस जगह को घाटा मेहंदीपुर भी कहते हैं। ऐसा बताया जाता है कि ये मंदिर करीब 1 हजार वर्ष पूर्व बनाया गया था, जहां पर बहुत विशाल चट्टान में हनुमान जी की आकृति उभर कर आई थी। इनके चरणों में छोटी सी कुंडी है, जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता है। ये मंदिर हनुमान जी का विग्रह काफी शक्तिशाली एंव चमत्कारिक है और इसी कारण ये स्थान ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में विख्यात है।
ऐसा माना जाता है कि मुगल साम्राज्य ने इस मंदिर को तोड़ने के प्रयास किए थे लेकिन कुछ चमत्कारी चीजों के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां पर ऊपरी बाधाओं (वशीकरण) का निवारण किया जाता है और भारी संख्या में देश भर से लोग यहां आते हैं।
करमन घाट मंदिर, हैदराबाद (तेलंगाना)
करमन घाट हनुमान मंदिर
हैदराबाद की पहाड़ियों पर करमन घाट मंदिर स्थित है। यहां पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है और ये मंदिर करीब 800 वर्ष पुराना है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को बनाने वाले राजा के सपने में हनुमान जी ने दर्शन देकर मंदिर की स्थापना करने को कहा था। बाद में औरगंजेब ने भी इस मंदिर में हनुमान जी को महसूस किया था जब वो इस मंदिर को तोड़ने गया लेकिन डरकर उल्टे पांव भाग आया। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की सुरक्षा स्वंय बजरंगबलि करते हैं।
यह भी पढ़ें- योगी आदित्यनाथ: गोरखनाथ मंदिर के साधारण संत कैसे बने यूपी के मुख्यमंत्री?
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धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था और कलयुग में उनकी उपस्थिति हमें कई बार सुनने को मिलती है। कई बार हमने न्यूज में या किसी ना किसी जगह ये सुना है कि यहां हनुमान जी को उनके भक्त महसूस करते हैं और इस बात में सच्चाई भी है। वैसे तो हनुमान जी के मंदिर दूसरे देशों में भी स्थापित हैं, जहां रहने वाले हिंदू उनकी पूजा करते हैं और भारत में भी उनके अनगिनत मंदिर हैं लेकिन हम आपको Hanuman Temple in India बताएंगे जो चमत्कारिक हैं।
हनुमान जी के 5 चमत्कारिक मंदिर | Hanuman Temple in India
जो भी इंसान हनुमान जी की पूजा पूरे मन से करता है उनके सभी दुख और परेशानियां मिट जाती हैं। हनुमान जी पर हिंदू धर्म में हर किसी की आस्था होती है और उन्हें वे महसूस भी कर सकते हैं। हम यहां उनके कुछ ऐसे प्राचीन मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां हर साल लाखों भक्त अपने संकटों से मुक्त होने संकट मोचन के पास आते हैं।
हनुमान मंदिर, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
प्रयागराज हनुमान मंदिर
प्रयागराज किले के पास हनुमान जी की प्रतिमा वाला एक प्राचीन मंदिर है। ये संपूर्ण भारत का केवल एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई मुद्रा में स्थापित है। ये मूर्ति करीब 20 फीट लंबी है। जब वर्षों के दिनों में बाढ़ आती है और ये सारा स्थान जलमग्न हो जाता है तब हनुमान जी की इस मूर्ति को सुरक्षित जगह रख दिया जाता है। उपयुक्त समय में इस प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित कर दिया जाता है।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
हनुमानगढ़ी मंदिर
अयोध्या में सबसे प्रमुख मंदिरों में श्रीहनुमानगढ़ी मंदिर भी है। ये मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है जहां 60 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद बजरंगबली का दर्शन किया जा सकता है। ये मंदिर काफी बड़ा है और मंदिर के चारों ओर रहने के लिए कुछ स्थान भी बने हैं, जहां साधु-संत रहते हैं। इस मंदिर की स्थापना 300 वर्ष पूर्व स्वामी अभयारामदासजी ने किया था और हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नाम का स्थान भी है।
सालासर हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान)
सारासर हनुमान मंदिर
राजस्थान के चूरू जिले में एक प्राचीन हनुमान मंदिर स्थित है। इस गांव का नाम सालासर है इसलिए इस मंदिर को सालासर वाले बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है और ये मंदिर बहुत बड़ा है। चारों ओर यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएं बनी हैं, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। इस मंदिर के संस्थापक श्री मोहनदासजी बचपन से ही हनुमान जी के अराध्य रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की ये प्रतिमा एक किसान को जमीन में खेत जोतते समय मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया। यहां हर साल भाद्रपद, आश्विन, चैत्र एवं वैशाख की पूर्णिमा के दिन मेला भी लगता है।
हनुमान धारा, चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)
हनुमान घारा मंदिर
यूपी के सीतापुर नाम के स्थन पर ये मंदिर स्थापित है। सीतापुर से हनुमान धारा की दूरी तीन मील है। ये स्थान पर्वतमाला के मध्यभाग में स्थित है और पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के ठीक सिर पर दो जल कुंड हैं जो हमेशा जल से भरे रहते हैं। इस धारा का जल हनुमान जी को स्पर्श करता हुआ जाता है इसलिए मंदिर का नाम हनुमान धारा है। इस धारा का जल पहाड़ में विलीन हो जाता है और लोग प्रभाती नदी या पातालगंगा भी इस जल को कहते हैं। इस स्थान के बारे में ऐसी मान्यता है कि श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमान जी ने श्रीराम से कहा-हे भगवान, मुझे कोई ऐसा स्थान बताइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न मेरे शरीर का ताप मिट सके तब प्रभु श्रीराम ने इसी स्थान के बारे में बताया था।
बालाजी हनुमान मंदिर, मेहंदीपुर(राजस्थान)
मेहंदीपुर बालाजी, मंदिर
राजस्थान के दौसा जिले में दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर नाम का स्थान है। ये मंदिर जयपुर-बांदीकुई-बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है। दो पहाड़ियों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इस जगह को घाटा मेहंदीपुर भी कहते हैं। ऐसा बताया जाता है कि ये मंदिर करीब 1 हजार वर्ष पूर्व बनाया गया था, जहां पर बहुत विशाल चट्टान में हनुमान जी की आकृति उभर कर आई थी। इनके चरणों में छोटी सी कुंडी है, जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता है। ये मंदिर हनुमान जी का विग्रह काफी शक्तिशाली एंव चमत्कारिक है और इसी कारण ये स्थान ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में विख्यात है।
ऐसा माना जाता है कि मुगल साम्राज्य ने इस मंदिर को तोड़ने के प्रयास किए थे लेकिन कुछ चमत्कारी चीजों के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां पर ऊपरी बाधाओं (वशीकरण) का निवारण किया जाता है और भारी संख्या में देश भर से लोग यहां आते हैं।
करमन घाट मंदिर, हैदराबाद (तेलंगाना)
करमन घाट हनुमान मंदिर
हैदराबाद की पहाड़ियों पर करमन घाट मंदिर स्थित है। यहां पर हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है और ये मंदिर करीब 800 वर्ष पुराना है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को बनाने वाले राजा के सपने में हनुमान जी ने दर्शन देकर मंदिर की स्थापना करने को कहा था। बाद में औरगंजेब ने भी इस मंदिर में हनुमान जी को महसूस किया था जब वो इस मंदिर को तोड़ने गया लेकिन डरकर उल्टे पांव भाग आया। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की सुरक्षा स्वंय बजरंगबलि करते हैं।
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