देश में बहुत से ऐसे राजनीतिज्ञ हुए हैं जिनका जीवन आम लोगों से अलग रहा है और इन्हीं में एक हैं उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो कभी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के मठ में रहा करते थे। वहां पर पूजन और गौ सेवा ही इनका सर्वप्रथम कार्य था, फिर वे धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने और आज पूरे उत्तर प्रदेश (यूपी) का संचालन उनके हाथ में है। मगर उनका जीवन कहां से शुरु हुआ, उनका असली नाम क्या है, वे कहां से आए हैं और उन्होंने शादी क्यों नहीं की ऐसे कई सवाल योगी आदित्यनाथ को पसंद करने वालों के मन में रहता है। यहां हम आपको Yogi Adityanath के जीवन के कुछ सुने और कुछ अनसुने पहलुओं से अवगत कराएंगे।
योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन | Yogi Adityanath Biography in Hindi
5 जून, 1972 को योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे जिनकी हाल ही में दिल्ली के एम्स में मृत्यु हो गई। इनकी मां सावित्री देवी हैं, योगी जी अपने माता-पिता के चार बेटे और तीन बेटियों में से चौथे नंबर की संतान हैं। योगी जी से बड़ी तीन बहनें और एक भाई हैं जबकि दो छोटे भाई हैं। साल 1977 में टिहरी के गजा स्थानीय स्कूल से उन्होंने पढ़ाई शुरु की और साल 1987 में उन्होंने 10वीं कक्षा पास की। साल 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और साल 1990 में बीएससी के दौरान ही Yogi Adityanath अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। साल 1992 में श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित से बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनका सामान चोरी हो गया, इसमें उनते सनत प्रमाण पत्र भी चोरी हुए। इसके बाद उन्होंने विज्ञान विषय से फिर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और और उसी दौरान वे राम मंदिर आंदोलनों के प्रभावों में विलीन रहने लगे।
योगी आदित्यनाथ की पुरानी तस्वीर
साल 1993 में गणित से उन्होंने एमएससी की पढ़ाई शुरु की और एक शोध के लिए वे गोरखपुर आए। यहां उनकी मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से हुई और उनसे योगी आदित्यनाथ काफी प्रभावित हुए। योगी जी ने इनसे दीक्षा ली और उन्होंने फैसला किया कि अब वे अपना जीवन संयासी के रूप में व्यतीत करेंगे। साल 1994 में वे पूर्णरूप से सन्यासी बन गए और इसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ रख दिया गया। साल 1994 के बाद से वे गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में ही रहे, और अवैद्यनाथ के पद्चिन्हों पर चलने लगे। 12 सितंबर, 2014 को उन्हें गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद महंत बनाया गया। 2 दिनों के बाद ही Yogi Adityanath नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के तौर तरीकों से मंदिर का पीठाधीश्वर बना दिया गया।
योगी आदित्यनाथ का राजनीति जीवन | Yogi Adityanath in Politics
योगी जी की पुरानी तस्वीर
भाजपा के प्रति Yogi Adityanath का लगाव शुरु से रहा और 26 साल की उम्र में साल 1998 में योगी जी ने भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में जीत हासिल की। वे 12वीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे और साल 1999 में वे गोरखपुर से फिर सांसद चुने गए। अप्रैल, 2002 में योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी बने और साल 2004 में उन्होंने तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता। साल 2009 में वे 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंच गए और साल 2014 में पांचवी बार उन्होंने दो लाख वोटों से जीत हासिल की और सांसद बने। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से उन्हें बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी जी ने खूब प्रचार कराया लेकिन परिणाम में उन्हें असफलता हाथ लगी।
योगी जी महंत के साथ
साल 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी जी से खूब प्रचार कराया और इस दौरान इन्हें हेलीकॉप्टर भी दिया गया। 19 मार्च, 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान Yogi Adityanath को विधायक दल का नेता चुनकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद सौंप दिया गया। इसके बाद उन्होंने यूपी के कई कानूनों को बदलकर अपनी रणनीति शुरु की। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह सहित मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव शामिल हुए थे।
योगी आदित्यनाथ के विवाद | Yogi Adityanath Controversy
Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदू कहा जाता है, वे दूसरे धर्म के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अगर कोई हिंदू धर्म के बारे में गलत बोलता है तो वे फिर किसी की नहीं सुनते। ऐसा उन्होंने कई बार करके दिखाया भी है और इन बातों के कारण वे कई विवादों में घिरे रहे। Yogi Adityanath इसके लिए जेल भी गए और उनके कुछ विवाद इस प्रकार हैं-
- गोरखपुर दंगों के दौरान आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर लिया गया था। मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिंदू की मौत हुई थी। मगर गोरखपुर के तत्कालीन डीएम ने बताया कि वो जख्मी हुआ है। योगी आदित्यनाथ वहां जाने की जिद करने लगे लेकिन उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं थी।
- डीएम के मना करने के बाद भी आदित्यनाथ अपने एक हजार समर्थकों के साथ वहां पहुंचे लेकिन उन्हें समर्थकों सहित गिरफ्तार कर लिया गया। उस दौरान योगी जी पर सीआरपीसी की 151A, 146, 147, 279, 506 धारा लगी और उन्हें जेल भेज दिया गया।
- उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में दंगे होने लगे और योगी के गिरफ्तारी के अगले दिन तत्कालीन डीएम हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से ये बात सामने आई थी कि तत्कालीन मुलायम सिंह की सरकार पर इसके लिए योगी की तरफ से दबाव बनाया गया था।
- साल 2005 में योदी आदित्यनाथ पर कथित रूप से आरोप लगा था कि उन्होंने 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण करके उन्हें हिंदू बना दिया। ईसाइयों का ये शुद्धीकरण उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था।
योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान | Yogi Adityanath Controversial Statement
Yogi Adityanath
- अगस्त, 2014- लव जेहाद पर योगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें वे अपने समर्थकों से कहते दिखाई दिए कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवा देंगे। बाद में योगी ने वीडियो के बारे में बताया, ”मैं इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं देना चाहता।”
- अक्टूबर, 2015- दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा था – ”यूपी कैबिनेट के मंत्री आजम खान ने जिस तरह यूएन (UN) जाने की बात की है, उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अख़लाक़ पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदलीं, क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान गया क्यों था? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है।”
- जून, 2015- ”जो लोग योग का विरोध करते हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए, जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।”
- अगस्त, 2015- ”मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, ये एक चिंताजनक विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।”
- फरवरी, 2015- ”अगर मुझे अनुमति मिले तो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा दूं। आर्यावर्त ने आर्य बनाए, हिंदुस्तान में हम हिंदू बना देंगे। पूरी दुनिया में भगवा झंडा फहरा देंगे, मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वैटिकन में ग़ैर ईसाई नहीं जा सकता है लेकिन हमारे यहां हर कोई आ सकता है।”
- जून, 2016- ‘जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनाने से कौन रोक सकेगा।’
- अक्टूबर, 2016- ”मूर्ति विसर्जन से होने वाला प्रदूषण दिखता है लेकिन बकरा ईद के दिन हजारों निर्दोष पशु काटकर काशी में उनके खून को सीधे गंगा जी में बहाया गया क्या वो प्रदूषण नहीं था?”
यह भी पढ़ें- पिता की जिद के आगे मजबूर अमिताभ बच्चन को करनी पड़ी थी शादी, रोचक है किस्सा
देश में बहुत से ऐसे राजनीतिज्ञ हुए हैं जिनका जीवन आम लोगों से अलग रहा है और इन्हीं में एक हैं उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो कभी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के मठ में रहा करते थे। वहां पर पूजन और गौ सेवा ही इनका सर्वप्रथम कार्य था, फिर वे धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने और आज पूरे उत्तर प्रदेश (यूपी) का संचालन उनके हाथ में है। मगर उनका जीवन कहां से शुरु हुआ, उनका असली नाम क्या है, वे कहां से आए हैं और उन्होंने शादी क्यों नहीं की ऐसे कई सवाल योगी आदित्यनाथ को पसंद करने वालों के मन में रहता है। यहां हम आपको Yogi Adityanath के जीवन के कुछ सुने और कुछ अनसुने पहलुओं से अवगत कराएंगे।
योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन | Yogi Adityanath Biography in Hindi
5 जून, 1972 को योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे जिनकी हाल ही में दिल्ली के एम्स में मृत्यु हो गई। इनकी मां सावित्री देवी हैं, योगी जी अपने माता-पिता के चार बेटे और तीन बेटियों में से चौथे नंबर की संतान हैं। योगी जी से बड़ी तीन बहनें और एक भाई हैं जबकि दो छोटे भाई हैं। साल 1977 में टिहरी के गजा स्थानीय स्कूल से उन्होंने पढ़ाई शुरु की और साल 1987 में उन्होंने 10वीं कक्षा पास की। साल 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और साल 1990 में बीएससी के दौरान ही Yogi Adityanath अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। साल 1992 में श्रीनगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित से बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनका सामान चोरी हो गया, इसमें उनते सनत प्रमाण पत्र भी चोरी हुए। इसके बाद उन्होंने विज्ञान विषय से फिर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और और उसी दौरान वे राम मंदिर आंदोलनों के प्रभावों में विलीन रहने लगे।
योगी आदित्यनाथ की पुरानी तस्वीर
साल 1993 में गणित से उन्होंने एमएससी की पढ़ाई शुरु की और एक शोध के लिए वे गोरखपुर आए। यहां उनकी मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से हुई और उनसे योगी आदित्यनाथ काफी प्रभावित हुए। योगी जी ने इनसे दीक्षा ली और उन्होंने फैसला किया कि अब वे अपना जीवन संयासी के रूप में व्यतीत करेंगे। साल 1994 में वे पूर्णरूप से सन्यासी बन गए और इसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ रख दिया गया। साल 1994 के बाद से वे गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में ही रहे, और अवैद्यनाथ के पद्चिन्हों पर चलने लगे। 12 सितंबर, 2014 को उन्हें गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद महंत बनाया गया। 2 दिनों के बाद ही Yogi Adityanath नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के तौर तरीकों से मंदिर का पीठाधीश्वर बना दिया गया।
योगी आदित्यनाथ का राजनीति जीवन | Yogi Adityanath in Politics
योगी जी की पुरानी तस्वीर
भाजपा के प्रति Yogi Adityanath का लगाव शुरु से रहा और 26 साल की उम्र में साल 1998 में योगी जी ने भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में जीत हासिल की। वे 12वीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे और साल 1999 में वे गोरखपुर से फिर सांसद चुने गए। अप्रैल, 2002 में योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी बने और साल 2004 में उन्होंने तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता। साल 2009 में वे 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंच गए और साल 2014 में पांचवी बार उन्होंने दो लाख वोटों से जीत हासिल की और सांसद बने। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से उन्हें बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी जी ने खूब प्रचार कराया लेकिन परिणाम में उन्हें असफलता हाथ लगी।
योगी जी महंत के साथ
साल 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी जी से खूब प्रचार कराया और इस दौरान इन्हें हेलीकॉप्टर भी दिया गया। 19 मार्च, 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान Yogi Adityanath को विधायक दल का नेता चुनकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद सौंप दिया गया। इसके बाद उन्होंने यूपी के कई कानूनों को बदलकर अपनी रणनीति शुरु की। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह सहित मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव शामिल हुए थे।
योगी आदित्यनाथ के विवाद | Yogi Adityanath Controversy
Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदू कहा जाता है, वे दूसरे धर्म के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अगर कोई हिंदू धर्म के बारे में गलत बोलता है तो वे फिर किसी की नहीं सुनते। ऐसा उन्होंने कई बार करके दिखाया भी है और इन बातों के कारण वे कई विवादों में घिरे रहे। Yogi Adityanath इसके लिए जेल भी गए और उनके कुछ विवाद इस प्रकार हैं-
- गोरखपुर दंगों के दौरान आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर लिया गया था। मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिंदू की मौत हुई थी। मगर गोरखपुर के तत्कालीन डीएम ने बताया कि वो जख्मी हुआ है। योगी आदित्यनाथ वहां जाने की जिद करने लगे लेकिन उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं थी।
- डीएम के मना करने के बाद भी आदित्यनाथ अपने एक हजार समर्थकों के साथ वहां पहुंचे लेकिन उन्हें समर्थकों सहित गिरफ्तार कर लिया गया। उस दौरान योगी जी पर सीआरपीसी की 151A, 146, 147, 279, 506 धारा लगी और उन्हें जेल भेज दिया गया।
- उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में दंगे होने लगे और योगी के गिरफ्तारी के अगले दिन तत्कालीन डीएम हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से ये बात सामने आई थी कि तत्कालीन मुलायम सिंह की सरकार पर इसके लिए योगी की तरफ से दबाव बनाया गया था।
- साल 2005 में योदी आदित्यनाथ पर कथित रूप से आरोप लगा था कि उन्होंने 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण करके उन्हें हिंदू बना दिया। ईसाइयों का ये शुद्धीकरण उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था।
योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान | Yogi Adityanath Controversial Statement
Yogi Adityanath
- अगस्त, 2014- लव जेहाद पर योगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें वे अपने समर्थकों से कहते दिखाई दिए कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवा देंगे। बाद में योगी ने वीडियो के बारे में बताया, ”मैं इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं देना चाहता।”
- अक्टूबर, 2015- दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा था – ”यूपी कैबिनेट के मंत्री आजम खान ने जिस तरह यूएन (UN) जाने की बात की है, उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अख़लाक़ पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदलीं, क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान गया क्यों था? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है।”
- जून, 2015- ”जो लोग योग का विरोध करते हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए, जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।”
- अगस्त, 2015- ”मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, ये एक चिंताजनक विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।”
- फरवरी, 2015- ”अगर मुझे अनुमति मिले तो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा दूं। आर्यावर्त ने आर्य बनाए, हिंदुस्तान में हम हिंदू बना देंगे। पूरी दुनिया में भगवा झंडा फहरा देंगे, मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वैटिकन में ग़ैर ईसाई नहीं जा सकता है लेकिन हमारे यहां हर कोई आ सकता है।”
- जून, 2016- ‘जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनाने से कौन रोक सकेगा।’
- अक्टूबर, 2016- ”मूर्ति विसर्जन से होने वाला प्रदूषण दिखता है लेकिन बकरा ईद के दिन हजारों निर्दोष पशु काटकर काशी में उनके खून को सीधे गंगा जी में बहाया गया क्या वो प्रदूषण नहीं था?”
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