प्रेरणादायक कहानी: कभी टैंपो चलाने वाला शख्स कैसे बना IPS ऑफिसर?
’12th फेल, हारा वही जो लड़ा नहीं’ शीर्षक के साथ ये किताब अनुराग पाठक नाम के लेखक ने अपने दोस्त के लिए लिखी है। जिसमें उनके संघर्ष की कहानी है और इसे पढ़कर आपको एक अच्छी सीख मिलेगी..
ये डीएम कैसे बना 12वीं फेल ? | प्रेरणादायक कहानी

कभी 12वीं में फेल हुए आईपीएस मनोज शर्मा ने अपनी गर्लफ्रेंड को वादा किया था कि वे आईपीएस बनेंगे और वो वादा भी किया। मनोज शर्मा का जन्म मध्यप्रदेश के मुरैना में हुआ था और वे 9वीं, 10वीं और 11वीं में तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने नकल का सहारा लिया है। मगर 12वीं परीक्षा में नकल करना मुश्किल था तो वे फेल हो गए थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होने बताया कि 12वीं परीक्षा में पास होने के लिए उन्होने नकल की सारी तैयारी कर ली थी और उस समय वे एसडीएम ने स्कूल में नकल ना होने के लिए ज्यादा से ज्यादा अच्छे इंतजाम करवाए थे।
एसडीएम की पावर को देखते हुए मनोज के मन में ऐसा ही पावरफुल बनने का ख्याल आया, क्योंकि वे 12वीं में फेल थे तो इसलिए उन्होंने और उनके भाईयों ने टैंपो चलाया। एक बार की ऐसी घटना है कि उनका टैंपो पकड़ा गया तो मनोज एसडीएम से मदद मांगने गए और जब वे उनसे मिले तो उन्होंने एक ही प्रश्न पूछा कि उन्होने तैयारी कैसे की?

उस समय मनोज ने एसडीएम को नहीं बताया था कि वे 12वीं में फेल हो गए थे और उनसे मिलने ग्वालियर आ गए। मनोज के पास पैसे नहीं थे तो वे मंदिर में भिखारियों के पास सोते थे। उस दौरान उन्हे लाइब्रेरी में चपरासी की नौकरी मिल गई थी। लाइब्रेरी में गोर्की और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तबोध जैसे कई लोगों के बारे में पढ़ा और उनके कामों को भी समझा। वे एक लड़की से प्यार भी करते थे लेकिन 12वीं फेल होने के कारण वे अपनी दिल की बात कहने में डरते थे। मगर जब कहा तो उन्हें ये जवाब मिला कि वे आईएएस ऑफिसर ही पसंद है।
फिर वे ग्वालियर से दिल्ली आए क्योंकि वहां भी मनोज के पास पैसे नहीं थे इसलिए उन्हें कुत्ते टहलाने की नौकरी मिल गई। उस समय उन्हें चार सौ रुपये प्रति कुत्ते मिलते थे। मगर उनके साथ उन्होंने पढाई की और आज वे दिन आ गया जिसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की थी।
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